Madhya Pradesh News: एक तरफ जहां मध्य प्रदेश सरकार ने पतंगबाजी को लेकर कड़े कानून बना दिए हैं. सरकार ने चीनी मांझा बेचने वालों के घर पर बुल्डोजर तक चलवाया है. मौत का मांझा बेचने वालों की दुकान ही नहीं, बल्कि मकान तक तोड़ा जा रहा है. ड्रोन कैमरे से निगरानी तक हो रही है. वहीं, दूसरी ओर सिंगरौली जिले में मौत की डोर (चाइनीज मांझा) को लेकर कारोबारियों के खिलाफ न कोई कार्रवाई, न कोई दिशा निर्देश, न जागरूकता का कोई अभियान और न ही कारोबारियों को कोई हिदायत दी जा रही है, बल्कि चीनी मांझा की बिक्री जिले के बाजारों में खुलेआम हो रही है.
एबीपी न्यूज की टीम ने सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढ़न में उन स्थानों की पड़ताल की, जहां यह जानलेवा डोर धड़ल्ले से बिक रही है. टीम ने कई मांझा बेचने वाले कारोबारियों से बात की. कुछ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां तो जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिस वजह से यहां की दुकानों में यह खुलेआम बिक रहा है. उन्होंने कहा कि उज्जैन या बड़े शहरों में भले ही जिला प्रशासन ने ऐसा कोई आदेश जारी किया हो लेकिन यह सिंगरौली है, यहां सब चलता है क्योंकि सब एक सिस्टम से बंधे हुए हैं. यह बेखौफ स्वीकारोक्ति उन लोगों की है जो खुलेआम मौत की डोर का कारोबार कर रहें है. एबीपी न्यूज की टीम ने जिला कलेक्टर से इस मामले में दो दिन पहले ही बात की थी. तब उन्होंने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था.
चीनी मांझा क्यों है खतरनाक?
जानकारों की मानें तो चाइनीज मांझा काफी धारदार होता है और खास बात यह है कि यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है. ऐसे में इससे करंट आने का खतरा रहता है. साथ ही यह आसानी से टूटता नहीं है और किसी के गले में फंस सकता है. इससे दोपहिया वाहनों के चालकों के लिए दिक्कत रहती है क्योंकि कटी पतंग की डोर उनके गले में फंसने का डर रहता है. इससे हादसे हो सकते हैं या फिर दोपहिया वाहन चालक मांझे से घायल हो सकते हैं. वहीं, सामान्य मांझा हल्के से झटके बाद टूट जाता है. ऐसे में चीनी मांझा काफी खतरनाक माना जाता है और हर साल इस मांझे से घायल होने के कई केस सामने आते हैं, साथ ही इससे बिजली अवरोध का खतरा भी रहता है.
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