कमलनाथ ने कहा- ऑल इज वेल | 10 बड़ी बातें
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक के बाद कमलनाथ ने 'ऑल इज वेल' कहा.
भोपाल: मध्य प्रदेश में सियासी संकट का पटाक्षेप होता नहीं दिख रहा है. सूबे में फ्लोर टेस्ट की बीजेपी की मांग पर स्थिति साफ नहीं है. राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार को अपने निर्देश में कहा था कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च की सुबह 11 बजे प्रारंभ होगा और राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा. अब इसी को लेकर कांग्रेस ने नई रणनीति तैयार की है. पार्टी का कहना है कि राज्यपाल संदेश दे सकते हैं, निर्देश नहीं. इसलिए विश्वास मत पर फैसला विधानसभा अध्यक्ष करेंगे. पढ़ें 10 बड़ी बातें-
1. फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस: विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि अब अपने विधायकों की सलामती के लिए चिंतित हूं, जो बेंगलूरू में हैं और भोपाल क्यों क्यों नहीं आ रहे हैं. विश्वास मत का परीक्षण का फैसला कल सदन में ही लिया जायेगा.
2. MP कैबिनेट की बैठक: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कोरोना वायरस का मुद्दा छाया रहा. कई मंत्रियों ने तो जयपुर से आए विधायकों और बेंगलुरू व गुरुग्राम से वापस लौटने वाले विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराए जाने की मांग की है. हालांकि जब मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठक के बाद बाहर निकले तो पत्रकारों ने सियासी रणनीति के बारे में पूछा. उन्होंने इस सवाल पर विक्ट्री साइन दिखाते हुए 'ऑल इज वेल' कहा.
3. विधायकों की स्क्रीनिंग: राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा, "कोरोनावायरस की स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया. बैठक में कई मंत्रियों ने कहा कि जयपुर से आए विधायकों और बेंगलुरू व गुरुग्राम से आने वाले विधायकों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए." जिसके बाद विधायकों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई.
4. क्या बढ़ेगा विधानसभा सत्र: कोरोना वायरस के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा की बैठक की तिथि आगे बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, "विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा. उसके बाद कोई बात सामने आएगी, तो फैसला लिया जाएगा."
5. दिल्ली में बीजेपी की कई बैठक: मध्यप्रदेश में सोमवार को होने वाले शक्ति परीक्षण को देखते हुए दिल्ली में राजनीतिक गतिविधि तेज हो गई है. सुबह से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं की बैठक चल रही है. सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर मध्य प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं की बैठक हुई. इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान शामिल हुए.
6. मानेसर में विधायकों से मिले शिवराज: सूत्र ने बताया कि इसके बाद ये सभी नेता अमित शाह के घर पहुंचे, लेकिन शाह को कश्मीर से आए एक प्रतिनिधिमंडल से गृह मंत्रालय में मिलना था, लिहाजा यहां नेताओं की संक्षिप्त मुलाकात हुई. शाह से मुलाकात बाद सभी नेता सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के घर पहुंचे. माना जा रहा है कि तुषार मेहता के घर मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक हालात के कानूनी पहलुओं पर विचार किया गया. फिर शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान और अन्य नेता मानेसर के होटल गए, जहां बीजेपी के विधायकों को ठहराया गया है.
7. विधायकों को आज भेजा जा सकता है भोपाल: मानेसर के होटल आईटीसी ग्रैंड में बीजेपीके 106 विधायक ठहरे हुए हैं. आज देर रात तक इन विधायकों को भोपाल भेजा जाएगा, जहां वो सोमवार को विधानसभा सत्र में भाग लेंगे. विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने व्हिप जारी किया है. इसमें कहा गया, "विधानसभा का सत्र 16 मार्च से शुरू हो रहा है. विधानसभा के संपूर्ण सत्र में उपस्थित रहें और फ्लोर टेस्ट के दौरान भाजपा के पक्ष में अनिवार्य रूप से मतदान करें."
8. भोपाल पहुंचे कांग्रेस विधायक: इससे पहले मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक विशेष विमान से जयपुर से भोपाल पहुंच गए हैं. हवाईअड्डे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. हवाईअड्डे पर निषेधाज्ञा 144 लागू है. विधायकों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधांशु त्रिपाठी भी हैं. बीजेपी और कांग्रेस अपने विधायकों को कथित खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए विधायकों पर कड़ी निगरानी रख रही है.
9. 16 विधायकों पर फैसला नहीं: सिंधिया खेमे के इस्तीफा दे चुके कांग्रेस के 22 बागी विधायकों में से भी अधिकांश बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने इन 22 विधायकों में से छह के त्यागपत्र शनिवार देर शाम को मंजूर कर लिए गए थे, जबकि 16 विधायकों के त्यागपत्र पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है.
10. बीजेपी विधायकों को लेकर कांग्रेस का दावा: मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने बताया, ''सभी विधायक हमारे साथ हैं. सिर्फ छह विधायक कम हुए हैं. सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा है. कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद भी 121 से ज्यादा विधायक हमें विश्वास प्रस्ताव पर मतदान में समर्थन करेंगे. बीजेपी पक्ष के छह-सात विधायक भी कमलनाथ को समर्थन देंगे.''
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