सागर/छतरपुर: मध्य प्रदेश में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के सागर में कर्ज से परेशान किसान गुलई कुर्मी ने साहूकार के कर्ज से तंग आकर जान दे दी. गुलई ने फांसी लगाकर जान दी. पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है.



वहीं, छतरपुर के पहाड़िया गांव के महेश तिवारी नाम के किसान ने भी जान दे दी है. महेश की चने की फसल बर्बाद हो गई, जिसके बाद उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. किसान आंदोलन के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में 16 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.


 


इससे पहले 19 जून को भी दो किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. विदिशा और नीमच में किसानों ने खुदकुशी की थी. विदिशा के सायर बमोरा में कर्ज से परेशान किसान जीवन सिंह मीणा ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली थी. वहीं सीहोर के गांव जमोनियाखुद में किसान बशीलाल मीणा ने फांसी लगा ली. किसान पर 9 लाख का कर्ज था.


17 जून को भी धार में एक किसान ने की खुदकुशी


17 जून को धार में एक और किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली थी. किसान का नाम जगदीश था. 35 साल के जगदीश पर बैंक ऑफ इंडिया का डेढ़ से दो लाख रुपए का कर्ज था.