मध्य प्रदेशः गांव में सड़क नहीं होने के कारण बीमार महिला को खाट पर बैठाकर अस्पताल ले गए परिजन
सोमलाल के मुताबिक, उनके घर से मुख्य सड़क 2 किलोमीटर दूर है और एंबुलेंस को उनके गांव तक पहुंचने में 2 घंटे लगते, जिसके कारण उन्होंने खुद ही मां को अस्पताल ले जाने का जिम्मा उठाया.
अनूपपुर (एमपी): देशभर के ग्रामीण इलाकों में सुविधाओं के अभाव में कई बार मरीजों को अलग-अलग तरीकों से अस्पताल पहुंचाने की खबरें और तस्वीरें आती रही हैं. कभी कंधे पर बैठाकर, तो कभी कुर्सी पर रखकर पैदल ही लोग मरीजों को अस्पताल पहुंचाते रहे हैं. मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में भी हाल ही में कुछ ऐसा ही नजारा दिखा, जहां एक बीमार महिला को उसके परिजन खाट पर बैठाकर अस्पताल तक ले गया, क्योंकि आज तक उनके गांव में सड़क नहीं पहुंच सकी है.
एंबुलेंस को गांव तक पहुंचने में लगते 2 घंटे
ये मामला 10 अगस्त का है जब जिले के एक गांव में रहने वाले सोमलाल यादव की मां बीमार पड़ गईं. इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ी, तो वो लोग पैदल ही गांव से निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने एक खाट को बांस के बड़े डंडे में बांधकर लटकाया और उसमें अपनी मां को बैठाकर अस्पताल तक पहुंचाया.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोमलाल ने बताया, “मेरी मां को हृदय संबंधी बीमारी है. हम डोंगरा पंचायत के रहने वाले हैं. यहां कोई भी सड़क नहीं है और बरसात जैसे हालात में तो कहीं भी जाना बेहद मुश्किल हो जाता है.”
सोमलाल ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से जुड़े लोग कई बार यहां का दौरा कर चुके हैं और सड़क बनाने का भरोसा देते रहे हैं, लेकिन आज तक ये काम नहीं हो सका है. सोमलाल के मुताबिक, उनके घर से मुख्य सड़क 2 किलोमीटर दूर है और एंबुलेंस को उनके गांव तक पहुंचने में 2 घंटे लगते, जिसके कारण उन्होंने खुद ही मां को अस्पताल ले जाने का जिम्मा उठाया.
उन्होंने कहा, “मां को बीमार देखकर मैंने एंबुलेंस बुलाने के लिए अस्पताल को फोन किया, लेकिन उन्होंने कहा कि इसे पहुंचने में 2 घंटे लगेंगे, इसलिए हमने खुद ही अस्पताल ले जाने का फैसला किया, हमारी बाइक मेन सड़क पर खड़ी थी.”
कलेक्टर ने दिए हालात सुधारने के आदेश
वहीं इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इमरान सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें जब इसकी खबर मिली तो कलेक्टर की ओर से निर्देश मिला कि इलाके में जो भी बेहतर प्रबंध किए जा सकते हैं, उन्हें पूरा किया जाए. सिद्दीकी ने कहा कि इंजीनियरों और तकनीकी अधिकारियों के साथ मिलकर वह गांव की इस समस्या का समाधान निकालेंगे.
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