भोपाल: मध्यप्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा, मगर इंदौर भोपाल ग्वालियर रतलाम विदिशा जिले में रात 10 से सुबह 6 बजे तक व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. साथ ही कक्षा 1 से 8 तक के समस्त स्कूल 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात साफ कर दी है कि जहां कोरोना के मामले ज्यादा हैं, वहां नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा. यह कब से लागू होगा, इसके बारे में जानकारी आना बाकी है.


गुरुवार को राजधानी भोपाल में कोरोना के 425 मामले सामने आने और इंदौर में 313 मामलों के साथ कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद मुख्यमंत्री ने कोरोना पर बैठक बुलाई थी.


बैठक में सीएम ने निर्देश दिए ट्रांसपोर्ट नहीं रुकेगा. आवाजाही आवश्यक वस्तुओं की जैसी होती चली आ रही है यथावत रहेगी. अर्थव्यवस्था प्रभावित ना हो कोरोना न फैले इस दृष्टि से लगातार जागरूकता प्रयास होते रहे. औद्योगिक संगठनों पर भी कोई बंदिश नहीं, श्रमिकों के आने जाने पर कोई रोक नहीं. जिन शहरों में कोरोना की 5% से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है, वहां रात 10 से सुबह 6 बजे तक का कर्फ्यू रहेगा.


5% पॉजिटिविटी रेट यानी कोरोना के हर 100 टेस्ट में 5 टेस्ट पॉजिटिव पाए जाएं. राज्य में स्कूल-कॉलेज अभी बंद ही रहेंगे. थिएटरों के लिए पहले की गाइडलाइन जारी रहेगी. यानी 50% सिटिंग कैपेसिटी की ही इजाजत होगी. मंत्रालय में जब मुख्यमंत्री बैठक कर रहे थे, तभी उनका एक पुराना वीडियो वायरल हुआ. इसमें वे दो शहरों में लॉकडाउन की बात कर रहे हैं. ये वीडियो छह महीने पुराना है. वीडियो सामने आने के बाद यह माने जाने लगा कि सीएम ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. बाद में सरकार ने स्थिति साफ की कि यह घोषणा पुरानी थी.


सरकार कई दिनों से स्कूल-कॉलेज के बारे में सोच रही थी. स्कूल शिक्षा विभाग ने एक प्रस्ताव भी भेजा था. इसमें कहा गया था कि 20 नवंबर के बाद स्कूल खोले जा सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने अब साफ कर दिया है कि इन्हें अभी बंद ही रखा जाएगा.


जहां स्थिति ज्यादा खराब है और कोविड 19 पाजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से ज्यादा है वहां नाइट कर्फ्यू लग सकता है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अभी दोबारा लॉकडाउन की कोई योजना नहीं है. चौहान ने आज प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति और रोकथाम की समीक्षा की. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है. आमजन कोरोना से बचाव के सभी आवश्यक उपाय अपनाएं. इसमें एनजीओ भी सहयोग करें.