मध्य प्रदेश: कोरोना की जंग में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की कैदी कर रहे हैं मदद
कोरोना की जंग में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को कैदियों की तरफ से मदद मिली है.मध्य प्रदेश में कैदियों ने महामारी से बचाव के लिए सुरक्षा उपकरण तैयार किये हैं.स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस काम को अंजाम देने के लिए उनका सहयोग लिया है.
मध्य प्रदेश: कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए सुरक्षा उपकरणों की कमी को दूर करने में कैदी मदद कर रहे हैं. बैतूल में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कैदियों की सहायता से किफायती सुरक्षा किट तैयार किये हैं. PPE किट के साथ उन्होंने प्लास्टिक का 'फेस शील्ड' भी बनाया है. जिसे चेहरे पर रस्सी की मदद से इस्तेमाल में लाया जा रहा है. ये फेस शील्ड स्थानीय स्तर पर मौजूद सामग्री से तैयार किया गया है.
बैतूल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी जी सी चौरसिया कहते हैं, ''हमने अपना पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विप्मेंट (PPE) किट विकसित किया है. किट तैयार करने में कच्ची सामग्री को बगल के जिले छिंदवाड़ा से मंगाया गया. उसके बाद बैतूल जेल के कैदियों ने किट तैयार करने में सहयोग दिया. इस काम में स्थानीय सांसद की तरफ से मुहैया फंड का इस्तेमाल किया गया. यहां के कैदी पहले मास्क भी तैयार कर चुके हैं जिसे स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिया गया है." बैतूल जिला अस्पताल के डॉक्टर अंकिता सेती का कहना है कि अभी तक 30 किट्स स्वास्थ्य टीम को मुहैया कराया जा चुका है.
शाहपुर ब्लॉक में मेडिकल अधिकारी डॉ शैलेंद्र साहू बताते हैं कि सेफ्टी गियर बनाने के लिए विदेशी वीडियो की सहायता ली गई. उन्होंने कहा कि चेहरे को ढंकनेवाला किट ऑनलाइन और ऑफलाइन नहीं था तब उन्होंने सारी की पैकिंग में इस्तेमाल होनेवाले प्लास्टिक शीट, हेयर बैंड, टेप से ये काम अंजाम दिया गया. स्वास्थ्य कमिश्नर फिरोज अहमद किदवई कहते हैं कि बैतूल जिला जेल के कैदियों की मदद से सुरक्षा उपकरण के किट तैयार किये गये हैं. कोरोना वायरस के इलाज में लगे स्वास्थ्य कर्मियों, क्वारंटाइन सेंटर, अस्पताल, प्रयोगशाला को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. लिहाजा उनकी बढ़ती मांग को देखते हुए जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपनी जरूरत को पूरा करने की कोशिश की है.
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