कल तक जो बड़े-बड़े नक्सली कमांडरों की वर्दी सिलता था वो आज कोरोना से लड़ने के लिए मास्क सिल रहा है
आत्मसमर्पित नक्सली मड़कम लक्का कोरोना से लड़ने के लिए मास्क सिल रहे हैं.मड़कम का कहना है कि वह रिश्तेदारों के कहने पर संगठन से जुड़े थे.
नई दिल्ली: जो हाथ कभी छत्तीसगढ़ के बस्तर में खून बहाने वाले नक्सलियों के लिए कपड़े सिला करते थे वही हाथ आज बस्तर के लोगों की जान बचाने के लिए मास्क बना रहे हैं. दरअसल पूरा मामला छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का है. जहां एक आत्मसमर्पित नक्सली कोरोना से बचाने के लिए मास्क तैयार कर रहा है. नक्सली का नाम मड़कम लक्का है जो कभी माओवादी संगठन में नक्सलियों के लिए वर्दियां सिला करता था.
समर्पण करने के बाद जब पुलिस को इसकी दक्षता का पता चला तो इसका सदुपयोग करवाया जा रहा है. मड़कम लक्का जगरगुंडा थाना क्षेत्र के भीमापुरम का रहने वाला है और 2019 में इसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. मड़कम लक्का वर्ष 1998 में बल संघम के तौर पर नक्सल संगठन में भर्ती हुआ और लगातार सक्रीय रहकर काम करता था.
20 साल संगठन को दिए
आगे चलकर इसे संगठन में कई पद मिले और फिर इसे मिली बड़ी जिम्मेदारी. वर्ष 2008 में इसेे वर्दी सिलने का प्रशिक्षण दिया गया और उसके बाद से मड़कम ने नक्सल संगठन के कई बड़े नेताओं से लेकर नक्सलियों की सबसे मजबूत टीम बटालियन के लड़ाकों के लिए भी वर्दी सिलने का काम किया. मड़कम बताते हैं कि उन्होंने लगभग बीस साल संगठन को दिए. जिसमें लगभग दस सालों तक वे संगठन के लड़ाकों व बड़े लीडरों के लिए वर्दी तैयार करते रहे.
रिश्तेदारों के कहने पर जुडे़ संगठन से
हालांकि उनके साथ साथ दस अन्य नक्सलियों को भी प्रशिक्षण दिया गया था पर वे अपने काम में इतने दक्ष थे कि किरमन्ना , हरिभूषण , पापराव , जगदीश और हिड़मा जैसे खूंखार नक्सली भी उससे ही अपनी वर्दियां सिलवाया करते थे. मड़कम के अनुसार नक्सल संगठन से उनका सम्बन्ध पुराना है , उनके रिश्तेदार भी संगठन में बड़े पद पर थे जो एक दुर्घटना में मारे गए. उनके कहने पर ही मड़कम लक्का भी संगठन से जुड़ा और पूरी तरह समर्पित होकर काम किया.
सैंकड़ों मास्क तैयार कर रहे हैं मड़कम
मड़कम के काम से खुश होकर ही बड़े-बड़े लीडर जो आंध्र में रहते थे उन्हें अपनी वर्दी सिलने अपने पास बुलाते थे. पर उन्हें उनकी मेहनत का मेहनताना नहीं दिया जाता था और यही प्रमुख वजह रही उनके समर्पण करने की. इनके अनुसार यही काम वे संगठन में भी करते थे. आज मड़कम प्रतिदिन सैकड़ों मास्क तैयार करते है और साथ ही साथ एक और महिला नक्सली जिसने आत्मसमर्पण कर दिया है उसे भी प्रशिक्षित कर रहे हैं.
मड़कम ने एबीपी न्यूज़ चैनल के माध्यम से यह अपील भी की है कि उनके द्वारा बनाये गए मास्क का उपयोग सभी करें और स्वयं को और परिवार को कोरोना जैसे महामारी से सुरक्षित रखें. वहीं पुलिस के रक्षितकेंद्र निरीक्षक प्रवीण खालको ने बताया कि सुकमा एसपी के निर्देशन में मड़कम लक्का की दक्षता का सही उपयोग करवाया जा रहा है जिससे कि समाज को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका भी प्रमुख हो.
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