Madras High Court: मद्रास हाई कोर्ट ने मंगलवार (30 जुलाई) को तमिल भाषा से संंबंधित एक याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को तमिलनाडु के हवाई अड्डों से आने-जाने वाली सभी घरेलू उड़ानों में तमिल में घोषणाएं अनिवार्य करने का निर्देश दिया. बता दें कि इस संबंध में अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. 


तमिलनाडु (Tamil Nadu) के हवाई अड्डों से आने-जाने वाली सभी घरेलू उड़ानों में तमिल में घोषणाएं अनिवार्य करने संबंधी जनहित याचिका (Public interest litigation) विश्व तमिल रिसर्च ट्रस्ट (World tamil research trust) के अध्यक्ष सी. कनगराज ने दायर की थी. सी. कनगराज की याचिका पर ही मद्रास हाई कोर्ट ने ये निर्देश दिया. खबर है कि जनहित याचिका में कई दलीलें दी गई थीं.


बेंच ने क्या कहा?


कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी. कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति के. कुमारेश बाबू ने इस मामले पर कहा कि अदालत जनहित याचिका में मांग किए गए मुद्दों पर सकारात्मक दिशा-निर्देश जारी नहीं कर सकती. खंडपीठ ने कहा कि अदालत इस मामले पर केंद्र सरकार को सिर्फ 12 सप्ताह की अवधि के बीतर याचिकाकर्ता की मांगों पर विचार करने का निर्देश ही दे सकती है. 


याचिकाकर्ता ने क्या तर्क दिया?


बता दें कि ये जनहित याचिका मद्रास हाई कोर्ट में 2021 से लंबित थी. हालांकि, मंगलवार (30 जुलाई) को अदालत ने इस पर निर्देश जारी कर ही दिया. अहम ये है कि विश्व तमिल रिसर्च ट्रस्ट के अध्यक्ष सी. कनगराज ने जनहित याचिका में तर्क देते हुए कहा था कि सिंगापुर, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देशों में उड़ानों में तमिल में घोषणाएं की जाती हैं. 


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