Assembly Elections Counting: मद्रास हाईकोर्ट का EC को निर्देश, वोटिंग के दिन मतगणना केंद्रों पर कराएं कोविड नियमों का पालन
मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से साफ तौर पर कहा कि विधानसभा चुनावों की मतगणना के दिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए उचित उपाय किये जाएं.
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नई दिल्ली. चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजों से पहले मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को अहम निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रत्येक मतगणना केंद्र में उचित उपायों को अपनाया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग मतगणना केंद्रों पर नियमित सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई, मास्क पहनने की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन कराएं.
हाईकोर्ट की बेंच ने कहा, "राज्य के स्वास्थ्य सचिव और सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक को चुनाव आयोग और राज्य में जिम्मेदार मुख्य चुनाव अधिकारी से परामर्श करना चाहिए." अदालत ने कहा, "जबकि आयोग कोर्ट के सभी निर्देशों का पालन करेगा. अदालत निष्पक्ष और सुरक्षित चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करेगा."
"आपदा प्रबंधन इकाइयों की जिम्मेदारी"
बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण इसी तरह की चिंताओं को लेकर विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की थी. चुनाव आयोग ने इन याचिकाओं पर अपना जबाव भी दिया था. चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ने से जुड़े कानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन इकाइयों की है.
आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि उसने राज्य और जिला प्रशासनों को लगातार यह निर्देश दिया कि वे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के दिशानिर्देशों को लागू करें ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके. चुनाव आयोग ने कहा कि उसने किसी भी मौके पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूमिका अपने हाथ में नहीं ली.
चुनाव आयोग के बयान के मुताबिक, आयोग ने अपनी ओर से इस ‘कानूनी और तथ्यात्मक रुख’ से अवगत कराया कि उसने अपनी ओर से कोविड सुरक्षा सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया. आयोग ने कहा कि कोविड-19 से संबंधित सुरक्षा उपायों को लागू कराने की जिम्मेदारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की है. इन उपायों में लॉकडाउन, भीड़ को प्रतिबंधित करना या नियंत्रित करना और प्राधिकरण के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन कानून-2005 का पालन करना शामिल है. आयोग के मुताबिक, चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ जमा होने को कानून के तहत राज्य प्रशासन द्वारा नहीं रोका गया.
बिहार चुनाव का दिया उदाहरण
बयान में कहा गया है कि पिछले साल लॉकडाउन और दूसरे उपायों के बीच आयोग ने बिहार में चुनाव संपन्न कराया. बिहार में पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हुआ था. आयोग ने कहा कि चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते समय उसने 26 फरवरी को दिशानिर्देशों का फिर से उल्लेख किया था. आयोग ने कहा, ‘‘चुनाव प्रचार अप्रैल में खत्म हुआ. कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह सामने नहीं आई थी. 6 अप्रैल को (चार राज्यों में) कोविड से संबंधित सुरक्ष उपायों का पालन करते हुए मतदान संपन्न हआ जिसमें अच्छी-खासी संख्या में लोगों ने भागीदारी की.’’ आयोग ने कहा कि इन दलीलों को विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष दिया गया है.
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