पीएम मोदी-शी जिनपिंग की बैठक के लिए बैनर लगाने को मिली मद्रास हाईकोर्ट की हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बैठक तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के महाबलीपुरम में अक्टूबर 11 से 13 के बीच होनी है और इसके लिए पूरी तैयारियां जोरों पर चल रही है.
चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्वागत के लिए बैनर लगाने को लेकर मद्रास हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. 12 सितंबर को चेन्नई में 23 साल की युवती सुभाश्री की बैनर के कारण हुई मौत के बाद तमिलनाडु में बैनर और होर्डिंग पर बैन लगा दिया गया है. ऐसे में तमिलनाडु सरकार ने पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक के मद्देनजर डिजिटल बैनर और होर्डिंग लगाने की अपील के साथ मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
तमिलनाडु सरकार ने खटखटाया था मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा
तमिलनाडु सरकार को मद्रास हाईकोर्ट से भी जमकर फटकार लगी. यही कारण है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के स्वागत के लिए बैनर लगाने को लेकर तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जमकर बहस हुई. डीएमके बैनर्स लगाने के खिलाफ है और कोर्ट में भी डीएमके की ओर से यह दलील दी गई कि इसके पीछे कोई एजेंडा है. वहीं, तमिलनाडु सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया गया कि बैनर लगाने से किसी को कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
यह बैन केवल राजनीतिक पार्टियों पर है- मद्रास हाईकोर्ट
इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट में दायर अपील में कहा था कि जब भी कोई द्विपक्षीय समिट होती है तो अतिथियों का स्वागत करने के लिए बैनर लगाना गुडविल के तौर पर देखा जाता है. क्योंकि यह मुलाकात तमिलनाडु में है तो ऐसे में तमिलनाडु सरकार उनके स्वागत में बैनर लगाना चाहती है. ऐसे में विदेश मंत्रालय और तमिलनाडु की सरकार चुनिंदा जगहों पर वेलकम बैनर लगाना चाहती है और यह सुनिश्चित करेगी कि इससे किसी भी तरह से आम जनता को कष्ट नहीं होगा. मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई में कहा कि यह बैन केवल राजनीतिक पार्टियों पर है. ऐसे में आईएस समिट के लिए बैनर लगाने को हरी झंडी दे दी है.
क्यों लगा था बैन?
बता दें कि 12 सितंबर को सुभाश्री सड़क पर जब स्कूटर चला रही थी, उस दौरान एआईएडीएमके का बैनर उड़ते हुए उसके स्कूटर पर आ गिरा था और वह बैलेंस खो बैठी और पीछे से आ रहे एक ट्रक ने उसे कुचल दिया. इस घटना के बाद एआईएडीएमके यानी तमिलनाडु सरकार की खूब किरकिरी हुई. यहां तक कि कई पार्टियों को बैनर होर्डिंग को बैन करना पड़ा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच अनौपचारिक बैठक तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले के महाबलीपुरम में अक्टूबर 11 से 13 के बीच होनी है. इसके लिए पूरी तैयारियां जोरों पर चल रही है. उनके स्वागत के लिए विदेश मंत्रालय की ओर से 14 जगह चेन्नई सिटी में, जबकि 9 ईस्ट कोस्ट रोड और 2 महाबलीपुरम में चुना गया है. यानी विदेश मंत्रालय की ओर से कुल 25 बैनर लगेंगे. जबकि तमिलनाडु सरकार की ओर से चेन्नई शहर में 5, महाबलीपुरम में 4 और OMR - ECR पर 7 यानी कुल मिलाकर 16 बैनर लगेंगे. दोनों के कुल 41 बैनर अलग अलग जगहों पर लगेंगे. इस मामले की सुनवाई जस्टिस एम सत्यनारायणन और जस्टिस सेशसाई की डिविजन बेंच ने की थी.
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