तूतिकोरिन: मद्रास हाई कोर्ट ने तूतिकोरिन में पुलिस की कथित यातना से पिता-पुत्र की मौत के मामले में मंगलवार को जांच CB-CID को स्थानांतरित करने का आदेश दिया. अदालत ने आशंका जताई कि सीबीआई को जांच का जिम्मा संभालने तक सबूत गायब हो सकते हैं.

CB-CID के DSP को नियुक्त किया जांच अधिकारी

न्यायाधीशों ने सीबी-सीआईडी के डीएसपी अनिल कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया और यह कहते हुये उन्हें तुरंत जांच शुरू करने का निर्देश दिया कि शारीरिक हिंसा के मामले में जांच में सतर्कता समय की जरूरत है. न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश और न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी की खंडपीठ ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि अति महत्त्वपूर्ण साक्ष्य इस समय में खत्म न हो.

पीठ ने कहा, ‘अगर हम अब कार्रवाई नहीं करते हैं, तो बहुत देर हो जाएगी. केंद्र को सीबीआई जांच के लिए सहमति देनी चाहिए. इसके अलावा सीबीआई का तूतिकोरिन में कोई कार्यालय नहीं है और अगर सीबीआई का एक जांच अधिकारी नियुक्त किया भी जाये तो उसे स्थानीय माहौल में जांच शुरू करने में समय लगेगा. राज्य सरकार ने सोमवार को मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दी थी.

DSP को किसी औपचारिक आदेश के बिना जांच शुरू कर देनी चाहिए- हाई कोर्ट

अदालत ने कहा कि अनिल कुमार को चेन्नई में डीजीपी के किसी औपचारिक आदेश की प्रतीक्षा किए बिना कार्यभार संभाल लेना चाहिए और जांच शुरू करनी चाहिए. जांच की निगरानी सीबी- सीआईडी, तिरुनेलवेली के एसपी करेंगे. न्यायाधीशों का कहना है कि सीबी-सीआईडी को मामले का तत्काल हस्तांतरण इसलिए किया गया, जिससे जनता का विश्वास खत्म न हो जाए.

पीठ ने अंतरिम व्यवस्था पर राज्य सरकार से राय मांगी, लेकिन मामले को सीबी-सीआईडी को हस्तांतरित कर दिया. पीठ ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट (प्रारंभिक) और न्यायिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में इस मामले में हत्या का मामला दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री मौजूद है. मामले की जांच में एक सेकंड की भी देरी नहीं होनी चाहिए और सीबी-सीआईडी को तुरंत जांच करने का निर्देश दिया.

इस बीच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मी अदालत में पेश हुए. अदालत ने उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट की तरफ से की गई जांच को कथित रूप से रोकने के लिए अदालत में पेश होने के लिए कहा था. ऐसा आरोप है कि उनमें से एक कांस्टेबल ने कुछ 'अपमानजनक' टिप्पणियां की थी.

तूतीकोरिन के एडीएसपी डी कुमार, डीएसपी सी प्रतापन और सातनकुलम पुलिस थाने से जुड़े एक कांस्टेबल महाराजन अदालत में पेश हुए. कांस्टेबल ने अदालत को बताया कि वह काफी दवाब में थे और उन्होंने गलती से न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी.

पी जयराज और उसके बेटे फेनिक्स को अपनी मोबाइल फोन की दुकान समय सीमा के बाद खोलकर लॉकडाउन के नियमों का ‘उल्लंघन’ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 23 जून को कोविलपट्टी के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में उनकी बुरी तरह की पिटाई की थी.

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