चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एस वैद्यनाथन ने ईसाई कॉलेज पर की गई अपनी टिप्पणी वापस ले ली है. अपने बयान में जस्टिस वैद्यनाथन ने ईसाई को-एडुकेशनल स्टडी सेंटर को बच्चों के लिए असुरक्षित बताया था. जस्टिस वैद्यनाथन की ओर से की गई टिप्पणी के बाद ईसाई निकायों ने इसे अनुचित और आधारहीन करार दिया था. जस्टिस वैद्यनाथन ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज (एमसीसी) के पूर्व फैक्लटी मेंबर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही थी. पूर्व फैक्लटी पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था.


याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस वैद्यनाथन ने कहा था, ''छात्रों के माता-पिता, खासकर छात्राओं के माता-पिता के मन में यह सामान्य भावना है कि ईसाई संस्थानों में को-एडुकेशन उनके बच्चों के भविष्य के लिए बेहद असुरक्षित है. ईसाई धर्म के संस्थानों में अच्छी शिक्षा दी जाती है लेकिन फिर भी नैतिकता का सवाल लाख रुपए का बना रहेगा.''


इस मामले को लेकर कॉलेज की ओर से नियुक्त वकील ने जस्टिस वैद्यनाथन के फैसले से पैराग्राफ 32 को 'अनावश्यक' बताते हुए हटाने की मांग की थी. इस पैराग्राफ में कई अन्य टिप्पणियां भी हैं.


हटाए गए पूर्व फैक्लटी मेंबर पर आरोप है कि उन्होंने 30 महिलाओं का उत्पीड़न किया था. कॉलेज इंटरनल जांच कमेटी में यह बात सामने आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था.


आर्टिकल 370 हटने के बाद कश्मीर में पहला एनकाउंटर, बारामूला में एक आतंकी ढेर, एक जवान भी शहीद