चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट ने विदेशी नागरिकों के एक जत्थे को जमानत या अग्रिम जमानत याचिका देने से मना कर दिया, जिन्हें भारत में अवैध रूप से रहने समेत कई कारणों से गिरफ्तार किया गया था या गिरफ्तारी का डर था. जानिए पूरा मामला क्या है और हाई कोर्ट ने इन लोगों की जमानत क्यों खारिज की.
हाई कोर्ट ने आपराधिक मूल याचिकाओं को भी किया खारिज
न्यायमूर्ति एम. दंडपाणि ने याचिका खारिज कर दी और सुरेश राज उर्फ चिन्ना सुरेश और नौ अन्य की ओर से दायर आपराधिक मूल याचिकाओं को भी खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता श्रीलंका, नाइजीरिया, चीन, ईरान और बांग्लादेश के थे जो वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी देश में रह रहे थे या उन्होंने बिना किसी वैध दस्तावेज या वीजा के देश में प्रवेश किया था.
याचिकाकर्ता पर फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने का भी आरोप- HC
कुछ गतिविधियों के कारण वे पुलिस की नजर में आए जिसके बाद उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट कानून के तहत मामला दर्ज किया गया. न्यायाधीश ने कहा, “हालांकि, कुछ याचिकाओं में याचिकाकर्ता भारतीय मूल के हैं लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि ऐसी याचिकाओं में कोई तत्व नहीं है. इसके अलावा कुछ मामलों में अवैध प्रवास के अलावा याचिकाकर्ता पर फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने का आरोप है जो अपराध है.”
मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि बिना उचित जांच के इन याचिकाकर्ताओं को जमानत देना देश की सुरक्षा से खिलवाड़ होगा.