Madurai Bench of Madras High Court: मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने लोइस सोफिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया. उनको 2018 में विमान में बीजेपी नेता को लक्ष्य करके नारा लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 2018 में तत्कालीन तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष तमिलिसाई साउंडराजन यात्रा कर रहे थे. इस दौरान महिला यात्री ने उनको कथित तौर पर परेशान करने की कोशिश की थी.
अदालत ने पाया कि इस छोटे से मामले के लिए महिला प्रदर्शनकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का कोई मतलब नहीं. उन्होंने अपने आदेश में कहा कि यह बेहद मामूली घटना है, इसके लिए किसी को अपराधी मानना बेहतर नहीं होगा. इसके बाद कोर्ट ने महिला के खिलाफ चल रही आपराधिक केस को बंद करने के आदेश जारी कर दिया.
पुलिस को फटकार- कहा गलत धाराएं लगाईं
अदालत ने मिस सोफिया की याचिका सुनते हुए तमिलनाडु की अदालत को भी कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने याचिकाकर्ता को राहत देते हुए कहा कि पुलिस ने इस मामले में सीआरपीसी की धारा 155 (गैर-संज्ञेय मामलों की जानकारी और ऐसे मामलों की जांच) के तहत प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. उन्होंने कहा, पुलिस ने इस एफआईआर में बेवहज आईपीसी की धारा 505 (1) (बी) जोड़ दी थी जिसकी कोई वजह नहीं थी.
क्या था पूरा मामला?
मिस लोइस सोफिया 2018 में एक विमान यात्रा कर रही थी. इस दौरान उन्होंने इस विमान से यात्रा कर रहे तमिलनाडु बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन को परेशान किया था. वह उनके पास जाकर उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी. इस घटना के बाद तमिलिसाई सुंदरराजन ने उस लड़की के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उस लड़की को गिरफ्तार कर लिया था.
गिरफ्तार करने के बाद भले ही वह जमानत पर बाहर आ गईं थी लेकिन उनके खिलाफ लगातार पुलिस मामले की जांच कर रही थी.
ये भी पढ़ें: 'भारत माता' को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मची होड़, 2024 में भुनाने की तैयारी?