चेन्नईः मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना के दौरान कोविड -19 मामलों में वृद्धि को रोकने के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी सरकारों को 1-2 मई को लॉकडाउन का सुझाव दिया है.
 
कोर्ट ने कहा कि इन दो दिनों के दौरान केवल मतगणना और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े वाहनों को ही अनुमति प्रदान की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा “वोटों की गिनती की तुलना में पब्लिक हेल्थ ज्यादा महत्वपूर्ण है. मतगणना की प्रोसेस में देरी हो सकती है या स्थगित भी हो सकती है, लेकिन पब्लिक हेल्थ से समझौता नहीं किया जाना चाहिए. ” 
 
लॉकडाउन की पहले घोषणा से जनता सतर्क रहेगी
मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने कोविड -19 के इलाज के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, अस्पताल के बेड, और रेमडेसिविर दवा और वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की.कोर्ट ने कहा लॉकडाउन के संबंध में पहले से ही घोषणा की जा सकती है ताकि तमिलनाडु और पुडुचेरी की जनता पहले से ही सतर्क रहेगी. 
अदालत ने कहा कि अब तक स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर नहीं दिखती है, हालांकि मीडिया में कुछ डरावनी स्टोरी सामने आई हैं. 


 राज्य में वैक्सीन- निर्माण यूनिट्स फिर शुरू करने सुझाव
राज्य सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया  कि ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति थी और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑक्सीजन डायवर्जन के खिलाफ पत्र लिखा था ताकि सबसे खराब स्थिति में भी तमिलनाडु के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध हो. अदालत ने यह भी सुझाव दिया कि चेंगलपट्टू, कुन्नूर और ऊटी में वैक्सीन-निर्माण इकाइयां फिर से शुरू की जा सकती हैं. राज्य सरकार ने ने कोर्ट को रेमडेसिविर दवा और अस्पतालों में बेड्स की स्थिति को लेकर भी जानकारी दी. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को करेगा.


 


यह भी पढ़ें
EC Bans Counting Day Celebrations: चुनाव आयोग ने 2 मई और इसके बाद विजय जुलूस पर लगाया बैन


Coronavirus India: कोरोना की रफ्तार पर बेहद मामूली ब्रेक, 24 घंटे में आए 3,23,144 नए केस, 2771 ने तोड़ा दम