नई दिल्ली: केंद्र सरकार को मद्रास हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने पशुओं की खरीद और बिक्री पर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर चार हफ्ते की रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है.


मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ पीआईएल दाखिल की गयी थी. इसमें कहा गया था खाने की पसंद एक व्यक्ति का बुनियादी हक है. मदुरै के ही एक वकील ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी.


सार्वजनिक स्थानों पर बीफ पार्टी कर हुआ विरोध
आपको बता दें कि पशुओं की खरीद बिक्री पर पर्यावरण मंत्रालय के नए आदेश के बाद से केरल समेत दक्षिण के कई राज्यों में भारी बवाल मचा हुआ है. केरल में कई जगहों पर सार्वजनिक रूप से बीफ पार्टी का आयोजन कर केंद्र सरकार का विरोध भी किया गया.


केरल के सीएम ने पीएम मोदी को लिखी थी चिट्ठी
केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी. पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री को लिखा, “मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करता हूं और नए प्रतिबंधों को हटाने की मांग करता हूं, ताकि देश के लाखों पशुपालकों, किसानों की आजीविका को सुरक्षित किया जा सके और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा भी की जा सके. यहां तक असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी शाकाहारियों की अपेक्षा मांसाहारियों की संख्या अधिक है.”


क्या है नियम जिस पर मचा है बवाल?
पर्यावरण मंत्रालय ने पशु बाजार में जानवरों को कत्ल करने के मकसद से होने वाली खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है. अब मवेशी खरीदने वालों को एक हलफनामा देना होगा जिसमें ये सुनिश्चित करना होगा कि बेचे जाने वाले जानवरों का कत्ल नहीं किया जाएगा. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत इस पर रोक लगा दी है. पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए ये पाबंदी लगायी गयी है. जानवर की खरीदने वाले को बताना होगा कि उसे मारने के लिए नहीं बल्कि कृषि उद्देश्य के लिए खरीदा जा रहा है. यानि अब बैल, गाय, भैंस, स्टीयर, बछड़ों और ऊंट को खरीदने से पहले एक अंडरटेकिंग देनी होगी.