नई दिल्ली: मैगी नूडल्स खाने के शौकीन लोगों के लिए एक बार फिर से खुशी की खबर आई है. दरअसल बात यह है कि मैगी बनाने वाली एफएमसीजी कंपनी नेस्ले इंडिया ने शाहजहांपुर में मैगी के सैंपल के जांच में फेल होने और जिला प्रशासन की तरफ से जुर्माना लगाए जाने के बाद सफाई दी है.
खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने नेस्ले के लोकप्रिय ब्रैंड मैगी के लैब जांच में कथित तौर पर फेल हो जाने पर नेस्ले इंडिया और इसके वितरकों पर जुर्माना लगाया था. इसी सिलसिले में सफाई देते हुए नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने ईमेल के जरिए एक बयान में कहा, "हम अपने ग्राहकों को दोबारा आश्वस्त करना चाहते हैं कि मैगी नूडल्स 100 फीसदी सुरक्षित हैं और इसे बनाने की प्रक्रिया में कहीं भी राख का इस्तेमाल नहीं किया जाता."
नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि, "हमें अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. इस संबंध में प्राप्त सूचना से हमें यह पता चला है कि नमूने साल 2015 के हैं और यह मामला नमूनों में राख पाए जाने से जुड़ा है."
उन्होंने आगे बताया कि उनका नूडल्स ब्रांड, पास्ता और मसाले भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा तय मानकों के अनुरूप हैं.
गौरतलब है कि जून 2015 में नेस्ले इंडिया ने एफएसएसएआई द्वारा मैगी पर प्रतिबंध लगाने के बाद मैगी को बाजार से वापस ले लिया था. हालांकि कई कानूनी लड़ाइयों के बाद नवंबर 2015 में मैगी नूडल्स को बाजार में फिर से उतारा गया था.