Magna Elephant Death: तमिलनाडु के कृष्णागिरी और धर्मपुरी के जंगलों में मैग्ना हाथियों की संख्या बेहद पायी जाती है. अक्सर ये हाथी भोजन और पानी की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ भी रुख करते हैं. मैग्ना हाथियों को कुछ आक्रामक प्रवृति वाला माना जाता है, लेकिन मुदुमलाई टाइगर रिजर्व (Mudumalai Tiger Reserve) से पिछले साल सरकारी नौकरी से रिटायर हुए मैग्ना हाथी की दास्तां कुछ अलग है, जिसकी श​निवार (14 अक्टूबर) को मौत हो गई. उसे श्रद्धांज​लि देने के ​लिए सैंकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.      
    
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुदुमलाई टाइगर रिजर्व की डिप्टी डॉयरेक्टर विद्या का कहना है कि मैग्ना हाथी को 1998 में पकड़ा गया था. इसके बाद से ही यह हाथी शिविर में रह रहा था. इस हाथी का सभी प्रकार के ऑपरेशनों में प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन ​पिछले साल यह हाथी सरकारी सेवा से रिटायर हो गया था. 






58 साल के हाथी की रिटायर होने के बाद से खराब थी तबीयत  
डिप्टी डॉयरेक्टर के मुताबिक, हाथी की उम्र करीब 58 साल थी. पिछले साल रिटायर होने के बाद से उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था. उसकी तबीयत ज्यादा ​बिगड़ने से श​निवार (14 अक्टूबर) को उसकी मौत हो गई. 






इस तरह के हाथियों को कहते हैं 'मैग्ना हाथी' 
बता दें कि वयस्क और बगैर दातों वाले हाथी मैग्ना कहलाते हैं. ये अक्सर तमिलनाडु में ही ज्यादा पाए जाते हैं. आमतौर पर जिन हाथियों के दांत होते हैं, वो नर होते हैं. वहीं, जिनके दांत नहीं होते हैं वो हाथी मादा होते हैं, लेकिन मैग्ना हाथी ऐसा होता है कि वो नर तो होता ही है लेकिन उसके दांत नहीं होते हैं. हालांकि, यह शांत स्वभाव का होता है, लेकिन जब यह बिगड़ जाए या आक्रामक हो जाए तो इसको कंट्रोल करना बेहद मुश्किल होता है. 


यह भी पढ़ें: केरल में गर्भवती हथिनी की मौत पर केविन पीटरसन ने कहा- ये क्रूरता है, आखिर क्यों?