Prayagraj Maha kumbh 2025: ब्राजील, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, जब महाकुंभ में स्नान करने पहुंची दुनिया! विदेशी महिला बोली- 'आई लव इंडिया'
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की शुरुआत संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी को हो गई है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक शामिल हो रहे हैं. साथ ही दुनिया भर से लोग महाकुंभ में पहुंच रहे हैं.
Foreign Devotees Take Holy Dip on Sangam: संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई है. ये धार्मिक आयोजन अब तक का सबसे भव्य आयोजन साबित हो सकता है, जिसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं. महाकुंभ के इस आयोजन को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है और हर कोई इस धार्मिक मेले में भाग लेने के लिए आकर्षित हो रहा है.
महाकुंभ की शुरुआत पर विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में संगम नगरी प्रयागराज पहुंचे हैं. सोमवार (13 जनवरी) को पौष पूर्णिमा के अवसर पर ब्राजील से आई एक विदेशी महिला श्रद्धालु ने संगम में डुबकी लगाई और यहां के अनुभव को अद्भुत बताया. उन्होंने कहा "भारत आध्यात्मिक केंद्र है, गंगा का जल काफी ठंडा है, लेकिन दिल गर्मजोशी से भरा है." उन्होंने ये भी बताया कि वह मोक्ष की तलाश में पहली बार भारत आई हैं और लगातार योग का अभ्यास करती हैं.
दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं महाकुंभ में
स्पेन से आई एक विदेशी श्रद्धालु ने त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के बाद इसे भाग्यशाली अनुभव बताया. वहीं दक्षिण अफ्रीका से आए एक श्रद्धालु ने कहा कि यहां का माहौल बहुत सुंदर है और लोग खुशहाल और मिलनसार हैं. ये सब यह दिखाता है कि महाकुंभ न केवल भारत का बल्कि पूरी दुनिया का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि यहां सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम भी काफी अच्छे तरीके से किया गया है. उन्होंने आगे "आई लव इंडिया" कहकर भारत के प्रति सम्मान जताया और कहा मेरा भारत महान.
महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद
महाकुंभ 2025 की भव्यता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इस साल के महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है. इस आयोजन में भाग लेने के लिए लाखों लोग त्रिवेणी संगम पहुंचे हैं और ये महाकुंभ 26 फरवरी तक जारी रहेगा. महाकुंभ के आयोजन को लेकर अधिकारियों ने विशेष इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो. इस दौरान पवित्र स्नान के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.