Mahadayi Water dispute Karnataka Goa: महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच पड़ोसी राज्य गोवा (Goa) ने भी महादेई जल बंटवारे को लेकर दावा ठोंक दिया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) ने कहा है कि महादेई के पानी (Mhadei water) पर उनका हक है. गोवा महादेई के पानी की एक-एक बूंद के लिए भी लड़ेगा.
CM सावंत का बयान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basvaraj Bommai) के विधानसभा में यह सूचित किए जाने के बाद आया कि केंद्र सरकार ने महादेई (कर्नाटक में महादयी) के पानी के मोड़ के लिए राज्य की संशोधित परियोजना रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है.
बता दें, केंद्र सरकार की ओर से कर्नाटक को कलासा बंदुरी परियोजना के साथ आगे बढ़ने की मंजूरी दे देने की खबरें आई हैं. इस परियोजना का उद्देश्य महादेई नदी की जल धारा को मोड़कर उत्तरी कर्नाटक के तीन जिलों में पेयजल मुहैया कराना है. इसके विरोध में गोवा में प्रदर्शन होते रहे हैं.
कर्नाटक से जल बंटवारा विवाद पर बोले CM प्रमोद सावंत
गोवा में विरोध-प्रदर्शनों पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत प्रदर्शनकारियेां को यह दिलासा देते रहे हैं कि उनकी सरकार जल की धारा मोड़ने की अनुमति नहीं देगी. उन्होंने पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ महादेई नदी के जल बंटवारा विवाद पर पहले भी लोगों से धैर्य बनाए रखने को कहा था. कल जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस. बोम्मई का महादेई नदी को लेकर बयान आया तो अब सांवत ने कहा है, "गोवा महादेई के पानी की हर बूंद के लिए संघर्ष करेगा". दोनों मुख्यमंत्रियों के बयानों से ऐसा लगता है कि इन राज्यों ने पानी को लेकर अपना पुराना विवाद फिर से शुरू कर दिया है.
इस नदी की जलधारा मोड़ना चाहता है कर्नाटक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कर्नाटक सरकार ने 3.9 हजार मिलियन क्यूबिक फीट पानी के डायवर्जन के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसमें- बंडुरी से 2.18 हजार मिलियन क्यूबिक फीट और कलासा नदियों (महादेई की दो सहायक नदियों) से 1.72 हजार मिलियन क्यूबिक फीट पानी पीने के उद्देश्य से हासिल करना है. इसी मर्तबा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को केंद्र द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है और नदी की जलधारा मोड़ने के लिए अब कर्नाटक काम शुरू कर सकता है.
'गोवा का पानी कर्नाटक में जाए ये कतईं बर्दाश्त नहीं होगा'
इस पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, "डीपीआर की मंजूरी के बावजूद, कर्नाटक म्हादेई नदी के पानी को डायवर्ट नहीं कर सकता है, क्योंकि वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत कलसा नदी के पानी को किसी भी तरह से डायवर्ट नहीं किया जा सकता है." उन्होंने गुरुवार शाम को कहा, “हम महादेई के पानी की एक-एक बूंद के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे. हमारा पानी कर्नाटक क्यों जाने दिया जाए. हम केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि नदी के पानी को अवैध रूप से डायवर्ट करने से रोकने के लिए तत्काल महादई जल प्रबंधन प्राधिकरण का गठन किया जाए.'
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