Mahadev Betting App Case: महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि जांच के दौरान जैसे ही सबूत मिलेंगे, उन्हें समन जारी किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सबूत मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री समेत किसी को भी समन जारी किया जा सकता है.


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 1 जनवरी 2024 को दायर एक पूरक आरोपपत्र में बघेल का नाम लिया है. यह आरोप पत्र महादेव एप के प्रमोटरों से लगभग 508 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप से संबंधित है.


न्यूज एजेंसी एएनआई से सौरभ पांडे कहा, "हमने अपनी पहली पूरक अभियोजन शिकायत (Supplementary Prosecution Complaint) में  शुभम सोनी के बारे में लिखा था कि उसने हमें एक ईमेल भेजा था, वह एक सर्टिफाइड ईमेल था. इस ईमेल में सोनी ने पूर्व मुख्यमंत्री के बारे में लिखा था.


बयान से पलट गए आरोपी
ईडी के वकील ने कहा कि पहली सप्लीमेंट्री शिकायत में पांच लोगों के नाम थे. आरोपियों में असीम दास, भीम सिंह यादव, अनिल कुमार अग्रवाल, रोहित गुलाटी और शुभम सोनी शामिल हैं. पांडे ने बताया कि आरोपी असीम दास ने कहा था कि उन्होंने सीएम को 5 करोड़ 39 लाख रुपये दिए थे. उन्होंने उसके बयान को अपनी शिकायत का हिस्सा बनाया था. इसके अलावा शिकायत में दो अन्य आरोपियों के बयान भी शामिल किए गए थे. हालांकि, बाद में तीनों आरोपी अपने बयान से पलट गए थे.


पत्रों को बताया फर्जी
वकील ने कहा कि आरोपी चंद्र भूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर की ओर से एक पत्र में कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग की धारा 50 के तहत ईडी अथॉरिटी को जो भी बयान दिए गए थे, वे झूठे थे, लेकिन जब ईडी अधिकारी अदालत से अनुमति लेने के बाद उनसे जेल में मिलने गए, तो उन्होंने इस बात से इनकार किया और कहा कि लिखे गए पत्र फर्जी थे और यह उनकी लिखावट नहीं है.


सौरभ पांडे ने उन्होंने कहा, "हमारे लिए अदालत को यह दिखाना जरूरी है कि हमने क्या बयान दर्ज किए हैं. हमने विशेष अदालत के सामने अपना बयान पेश किया था और वहां अपने विचार भी व्यक्त किए थे."


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