Mahadev Book Betting Case: महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड के कई बड़े नामों को ईडी ने नोटिस भेजा गया है. अब तक इस केस में ईडी ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमे दो सगे भाई सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस का एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर शामिल है. महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे.
हजारों करोड़ रुपये के होते थे लेन-देन
ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी थे. इसके लिए मलेशिया, थाईलैंड हिंदुस्तान, यूएई में अलग-अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए थे, जिनके जरिए अलग-अलग सब्सिडरी ऐप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था. ईडी की छानबीन में साफ हुआ है कि महादेव बेटिंग ऐप के जरिए हजारों करोड़ रुपये के लेन-देन किए जा रहे थे.
भारत से कैसे करता था ऑपरेट?
अब आपको समझाते हैं कि आखिरकार यूएई में बैठकर कैसे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल पुलिस, ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन का एक नेक्सस तैयार कर महादेव बेटिंग ऐप को हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था.
दरअसल हिंदुस्तान में छत्तीसगढ़ समेत कई अलग-अलग राज्यों के बड़े शहरों में महादेव बुक ऐप के करीब 30 कॉल सेंटर खोले गए थे. इन कॉल सेंटर को बाकायदा एक चेन बनाकर बेहद शातिर तरीके से चलाया जा रहा था.
सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था.
सट्टे के इस खेल का मनी ट्रेल क्या है?
सबसे पहले अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से केवाईसी के जरिए बड़ी संख्या में बेनामी बैंक एकाउंट खोले गए. मेन प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और पैनल ऑपरेटर (कॉल सेंटर ऑपरेटर) इन सभी की मिली भगत से इस बैटिंग ऐप सिंडिकेट को चलाया जा रहा था.
इस सिंडिकेट को चलाने के लिए पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी हिस्सेदारी दी गई थी. अनिल दम्मानी का रोल इस सिंडिकेट में सिर्फ ऑनलाइन बेटिंग ऐप को ही चलाना नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर हवाला के जरिए आने वाले पैसे को बेटिंग ऐप में इस्तेमाल करने के साथ-साथ पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स जो इस ऐप से लाभान्वित होते थे, उन तक पैसा पहुंचाना भी था, ताकि कोई इन पर उंगली ना उठा सके.
हवाला के जरिए भेजे जाते थे पैसे
हवाला के जरिए मोटा कैश यूएई में बैठे प्रमोटर छत्तीसगढ़ में अनिल और सुनील दम्मानी को भेजते थे. उसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के एक एएसआई चन्द्र भूषण वर्मा तक ये पैसा पहुंचाया जाता था, जिसकी जिम्मेदारी थी कि छत्तीसगढ़ पुलिस में तैनात पुलिस अधिकारी, ब्यूरोक्रेट्स और राजनीतिक प्रभाव वाले लोगों तक इस पैसे को बतौर रिश्वत पहुंचाना.
यह पैसा रायपुर के सदर बाजार में एक ज्वैलर के यहां हवाला के जरिए भेजा जाता था. पूछताछ में अनिल दम्मानी ने बताया कि पिछले दो-तीन साल में वह अपने भाई सुनील के साथ मिलकर रवि उप्पल के कहने पर 60 से 65 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हवाला के जरिए कर चुका है, जिसमें से उसे 6 लाख रुपए मिले.
अनील दम्मानी ने ये भी बताया कि ये दोनों अपनी ज्वेलरी की शॉप के जरिए हवाला का कारोबार भी चलाते हैं. इनकी सीडीआर से पता चला कि ये दोनों भाई अनिल और सुनील यूएई में बैठे रवि उप्पल के लगातार संपर्क में थे. एएसआई चन्द्र भूषण वर्मा के राजनीतिक संबंध थे.
सतीश चंद्राकर की थी हिस्सेदारी
सतीश चंद्राकर जिसे ईडी ने इस केस में गिरफ्तार किया था, वो भी महादेव ऐप के चार कॉल सेंटर चला रहा था, जिसमें उसकी 5 फीसदी की हिस्सेदारी थी. साथ ही अवैध पैसे के ट्रांजेक्शन की देख रेख करना भी सतीश की ही जिम्मेदारी थी.
जांच में यह भी साफ हुआ है कि सतीश चंद्राकर के संबंध एक नामी गैंगस्टर और ड्रग डॉन तपन सरकार के साथ भी थे, जो इस मामले में फरार चल रहा है.
महादेव बेटिंग ऐप का बॉलीवुड कनेक्शन?
दरअसल इसी साल फरवरी महीने में दुबई में महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की शादी थी, जिसमें चार्टर्ड प्लेन से तकरीबन 17 बॉलीवुड हस्तियों को बुलाया गया था. शादी में उनका स्टेज परफॉर्मेंस भी था. आरोप है कि इस परफॉर्मेंस के बदले में तमाम कलाकारों को हवाला के जरिए करोड़ों रुपया दिया गया.
साथ ही एक्टर रणबीर कपूर पर आरोप है कि उन्होंने महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप की एक सपोर्टिंग ऐप को प्रमोट किया था. यही वजह है कि उन तमाम कलाकारों को जो वहां परफॉर्मेंस में शामिल थे, उन्हें जांच के दायरे में शामिल किया गया.
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