बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को तेजस्वी के सीएम ना बन पाने और महागठबंधन को सत्ता में नहीं आने के लिए कसूरवार ठहराया जा रहा है. ऐसे में बिहार चुनाव में करारी शिकस्त और उपचुनावों में घटिया प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के अंदर एक बार फिर से पार्टी की दिशा और रणनीति को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल पार्टी के भविष्य को लेकर आत्मचिंतन और राहुल गांधी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमले की सार्थकता पर उठ रहे हैं.


कांग्रेस के अंदर इस बात की चर्चा हो रही है कि स्थित को भांपकर बेहतर रणनीति अपनाई गई होती आज महागठबंधन के बारे में जैसा सोचा गया था वैसे ही नतीजा आते. कांग्रेस के अंदर नेताओं का ऐसा मानना है कि जेडीयू-बीजेपी गठबंधन के खिलाफ लड़ाई में विपक्षी गठबंधन को कांग्रेस ने कमजोर कर दिया जबकि आरजेडी का बेहतर प्रदर्शन रहा. कांग्रेस के सीनियर नेता तारिक अनवर ने तो साफतौर पर कहा कि महागठबंधन को इसलिए बहुमत नहीं मिला क्योंकि कांग्रेस ने घटिया प्रदर्शन किया.


कांग्रेस में असंतुष्टों खासकर वे नेता जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक नेता की गैर-मैजूदगी पर सवाल उठाए थे, बिहार ने उनकी तरफ से उठाए गए सवालों को सही ठहराया है. एक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के खिलाफ बेहतर रणनीति बनाने की.


गौरतलब है कि पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लगातार हमले किए गए. ऐसे में सवाल इस बात को लेकर भी पार्टी के अंदर उठ रहे हैं. कांग्रेस ने इस चुनाव में 70 सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह सिर्फ 19 सीट ही जीतने में कामयाब हो पाई. जबकि, 2015 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 41 सीट पर लड़कर 27 सीटें जीती थी.


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