Mahakumbh Stampedea: 'दूसरी भगदड़ की बात छिपाई, मरने वालों की संख्या भी गलत', अखिलेश यादव और चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ हादसे पर अब क्या-क्या कहा?
Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में दूसरे शाही स्नान के पहले मची भगदड़ में यूपी सरकार ने 30 लोगों के मारे जाने की बात कही है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि असली आंकड़े छिपाए जा रहे हैं.

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ का मुद्दा शांत नहीं हुआ है. विपक्षी नेता इस मुद्दे पर लगातार राज्य और केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं. शनिवार (1 फरवरी) को बजट पेश होने से पहले भी विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने तो यहां तक कह दिया कि मौतों की असली संख्या छिपाने के साथ-साथ यूपी सरकार ने दूसरी भगदड़ की बात को भी पूरी तरह से दबा दिया है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'इस हादसे की जिम्मेदार यूपी सरकार है. महाकुंभ में अव्यवस्था बहुत है, दिखावा बहुत किया जा रहा है, वीआईपी कल्चर है, आस्था को इवेंट बना दिया गया है. घटना होना एक बात है लेकिन उसके प्रति असंवेदनशीलता होना तो बहुत गलत है. वहां बहुत लोग मरे लेकिन आंकड़े कम दिखाए गए. असली संख्या को छिपा लिया गया. दूसरी भगदड़ की तो बात ही सामने नहीं आने दी.'
'पुलिस को झूठ बोलने पर मजबूर किया'
आजाद ने कहा, 'पुलिस को और मीडिया को हकीकत बयां करने से धमकाया गया. पुलिस प्रशासन को जबरदस्ती झूठ बोलने के लिए मजबूर किया गया. नैतिकता के आधार पर सीएम योगी को इस्तीफा देना चाहिए. कार्रवाई होनी चाहिए. जब भी ये सरकार इस तरह घिरती है तो कहने लगती है कि कोई साजिश है, विदेशी ताकतें हैं. अभी तक ये बात नहीं आई है लेकिन जल्द ही आ जाएगी. सरकार को पड़ोसी देश, नक्सली याद आ जाएंगे. योगी जी से जवाब मांगना चाहिए जिन्होंने उस दिन दूसरी भगदड़ में हुई मौतों को छिपाने का काम किया.'
'मौतों की असली संख्या बताएं'
अखिलेश यादव ने कहा, 'यूपी सीएम नैतिक रूप से तो जा चुके हैं, अब राजनैतिक तौर पर कब जाएंगे, यह देखना है. जिन लोगों की जान गई है, उनकी संख्या को सरकार छिपा रही है. यह इसलिए किया जा रहा है ताकि मुआवजा न देना पड़े. पहले हमारा ध्यान इसी पर है कि जो मौतें हैं उनका सही आंकड़ा दे, पूरी सूची दे, उन शवों को घर तक पहुंचाने का प्रबंध करे और जो खोए हुए लोग हैं, उनकी भी सूची दे और सही सलामत उनके घर पहुंचाए.
अखिलेश ने कहा, 'सरकार हर बात छिपा रही है. महाकुंभ में वीआईपी के लिए अलग इंतजाम था, घाट थे लेकिन आम लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. सरकार ने जगह-जगह कुंभ में आऩे का निमंत्रण दिया, वीआईपी लोगों को बुलाया, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था. फिर आपने खूब प्रचार भी किया. प्रचार किया तो इंतजाम भी करना था. अब तो साधू संत तक यूपी सीएम को झूठा कहने लगे हैं.
दो भगदड़ होने का दावा
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर दूसरे शाही स्नान से ठीक पहले भगदड़ मची थी. रात डेढ़ बजे मची इस भगदड़ में प्रशासन ने 30 लोगों के मरने की बात कही है हालांकि वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों और रिपोर्टर्स की मानें तो संख्या बहुत ज्यादा होनी चाहिए. कुछ रिपोर्टर्स ने तो 40 शव गिनने तक की बातें कही हैं. इसके साथ ही उसी दिन तड़के भी एक भगदड़ के दावे हैं, उसमें भी कई लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है, लेकिन यूपी सरकार ने इस दूसरी भगदड़ के बारे में अब तक कुछ नहीं बताया है.
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