सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर बेटे महाआर्यमन ने कहा- पिता पर गर्व है, परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा
इससे पहले मंगलवार सुबह को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली में एक बैठक के बाद कांग्रेस छोड़ दी
भोपाल: मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के फैसले के बाद उनके बेचे महाआर्यमन सिंधिया ने निर्णय का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि उनका परिवार कभी भी सत्ता का लालची नहीं रहा है. महाआर्यमन ने कांग्रेस से नाता तोड़ने के अपने पिता के फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. एक ट्वीट में उन्होंने अपने पिता के त्यागपत्र पर कहा कि यह दुख की बात है कि उन्हें यह करना पड़ा.
ट्वीट में महाआर्यमन ने कहा, “अपने लिए यह स्टैंड लेने पर मुझे अपने पिता पर गर्व है. एक विरासत से इस्तीफा देने के लिए साहस चाहिए. मैं यह कह सकता हूं कि मेरा परिवार कभी सत्ता का भूखा नहीं रहा.”
उन्होंने कहा, “भविष्य में देश और मध्य प्रदेश के प्रभावी बदलाव के लिए हम वादा करते हैं.”
(ज्योरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया)महाआर्यमन का ट्विटर हैंडल वैरिफाइड नहीं है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद उन्हें फॉलो करते हैं. सिंधिया के करीबी पंकज चतुर्वेदी ने पीटीआई से ट्विटर हैंडल ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के युवा के होने की पुष्टि की है.
चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘महाआर्यमन ने अपनी प्रबंधक की डिग्री अमेरिका के विश्विवद्यालय से पिछले साल पूरी की है. परीक्षा के कारण वह लोकसभा चुनावों में अपने पिता के लिए चुनाव प्रचार में शामिल नहीं हो सके थे. अब, वह अपने पिता के राजनीतिक कार्यों में सहयोग करते हैं.’’
इससे पहले मंगलवार सुबह को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली में एक बैठक के बाद कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद सिंधिया खेमे के कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो गया और शाम तक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने इस्तीफे दे दिए. इससे प्रदेश की कांग्रेस सरकार का संकट गहरा गया और कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार गिरने के कगार पर आ गई है.