नई दिल्ली/अयोध्या: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले चुनावी मौसम में एक बार फिर राम नाम की गूंज सुनाई देने लगी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि विरोधी पार्टियां चाह कर भी राम मंदिर का विरोध नहीं कर सकती. क्योंकि वो जानते हैं कि हम कुछ भी कहें, देश की करोड़ों हिंदू प्रजा और हिंदू न कहने वालों में भी बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जिनके श्रद्धा स्थान राम हैं. वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए महंत परमहंस दास का अनशन जारी है. उनके समर्थन में कई संत पहुंचे हैं.
क्या कहा मोहन भागवत ने?
पतंजलि योगपीठ में संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'कुछ कार्य करने में देरी हो जाती है और कुछ कार्य तेजी से होते हैं वहीं कुछ कार्य हो ही नहीं पाते क्योंकि सरकार में अनुशासन में ही रहकर कार्य करना पडता है. सरकार की अपनी सीमायें होती हैं.' संघ प्रमुख ने कहा कि साधु और संत ऐसी सीमाओं से परे हैं और उन्हें धर्म, देश और समाज के उत्थान के लिये कार्य करना चाहिए. (यहां क्लिक करके पढ़ें पूरा बयान)
भागवत ने आगे कहा, "विपक्षी पार्टियां भी अयोध्या में राम मंदिर का खुल कर विरोध नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि वह (भगवान राम) बहुसंख्यक भारतीयों के इष्टदेव हैं.' हांलांकि, उन्होंने कहा, ' सरकार की सीमायें होती हैं. देश में अच्छा काम करने वाले को कुर्सी पर बना रहना पडता है. मगर देश में यह वातावरण है कि यह काम नहीं हुआ तो कुर्सी तो जायेगी . कुर्सी पर बैठा कौन है, यह महत्त्वपूर्ण है.'
मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में अनशन
अयोध्या के महंत परमहंस दास राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन पर हैं. आज उनके अनशन का तीसरा दिन है. इसके मद्देनज़र अयोध्या के प्रमुख संत महंत उनके अनशन पर पहुंच रहे हैं. इतना ही नहीं महिला संत भी पहुंचकर उनकी हौंसला अफजाई कर रही हैं. बताया जा रहा है कि स्थानीय जिला प्रशासन और बीजेपी का कोई नेता अभी तक इनके पास नहीं पंहुचा है.
अनशन पर आया विनय कटियार का पहला बयान
महंत परमहंस दास के आमरण अनशन को लेकर फायर ब्रांड नेता विनय ने कहा है कि उनका अनशन स्वागत योग्य है. हम संत को ज्यादा दिनों तक नहीं बैठने देंगे. विनय कटियार ने यह भी कहा है कि नमाज के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इतना तो तय है कि विवादित स्थल पर मस्जिद नहीं बनेगी. उम्मीद है कि इस मसले का हल जल्द निकलेगा. हम राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करना बंद नहीं करेंगे.
29 अक्टूबर से अयोध्या विवाद में रोजाना सुनवाई
29 अक्टूबर से अयोध्या विवाद में रोजाना सुनवाई होनी है. नवनियुक्त चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच सुनवाई करेगी . सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमीन बंटवारे के फैसले को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट जमीन का मालिकाना हक तय करेगा. सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि केस की सुनवाई धार्मिक आधार पर नहीं होगी.
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