एक्सप्लोरर
Maharana Pratap Jayanti 2020: हल्दी घाटी युद्ध में विशाल सेना से हारकर भी जीत गए थे प्रताप!
इतिहास का सबसे ऐतिहासिक हल्दी घाटी का युद्ध महाराणा प्रताप मुगलों की विशाल सेना से हार गए थे लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. अकबर के लिए कुछ खास साबित नहीं हुई जीत.
![Maharana Pratap Jayanti 2020: हल्दी घाटी युद्ध में विशाल सेना से हारकर भी जीत गए थे प्रताप! Maharana Pratap Horse Chetak Story and Battle of Haldighati Maharana Pratap Jayanti 2020: हल्दी घाटी युद्ध में विशाल सेना से हारकर भी जीत गए थे प्रताप!](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/05/09165854/Maharana-Pratap.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: राजस्थान के वीर सपूत, महान योद्धा और अदभुत शौर्य व साहस के प्रतीक महाराणा प्रताप की आज (9 मई 2020) को 480वीं जयंती है. महाराणा प्रताप ने मुगलों से कई लड़ाइयां लड़ी, लेकिन अकबर के साथ हल्दी घाटी का युद्ध उनका सबसे ऐतिहासिक रहा है. प्रताप की हर शौर्य गाथा में उनके चेतक घोड़े का भी जिक्र जरूर होता है. इतिहास की कई लड़ाइयां जीतने में हवा से बात करने वाले अद्भुत, बहादुर चेतक की अहम भूमिका रही है.
महाराणा प्रताप का जन्म महाराजा उदयसिंह के घर 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (पाली) में हुआ था. हिन्दू तिथि के हिसाब से साल 1540 में 9 मई को ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि थी. इस हिसाब से महाराणा प्रताप की जयंती इस साल 25 मई को भी मनाई जाएगी.
महाराणा प्रताप और अकबर का ऐतिहासिक युद्ध
महाराणा प्रताप के इतिहास के पन्नों में सबसे ज्यादा चर्चा हल्दी घाटी के युद्ध की होती है. प्रताप और अकबर के बीच दुश्मनी भारतीय इतिहास में दो बड़े शासकों के बीच युद्ध की गाथा है. 1576 में हुए इस युद्ध में प्रताप ने 20 हजार सैनिकों के साथ मुगल के 80 हजार सैनिकों का सामना किया था. युद्ध में प्रताप के चेतक ने भी अपनी वीरता और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया था.
चेतक इतना फुर्तीला था कि उसका पांव हाथी के सिर तक पहुंच जाता था. युद्ध में चेतक ने सेनापति मानसिंह के हाथी के सिर पर पांव रख दिया था, जिसके बाद महाराणा प्रताप ने दुश्मन पर प्रहार किया. हालांकि उसी समय चेतक घायल हो गया था, लेकिन फिर भी दुश्मनों के बीच से महाराणा प्रताप को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया था. इसी दौरान चेतक एक बरसाती नाले को ऐसे लांघा जैसे वह कोई घोड़ा नहीं बल्कि बाज हो. मुगल सेना भी इस नाले को पार नहीं कर पाई थी.
पूरी जिंदगी मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ते रहे महाराणा प्रताप
हालांकि इस युद्ध में मुगल सेना और जयपुर के राजा मानसिंह की जीत हुई थी. हल्दी घाटी की युद्ध में जीतकर भी अकबर की हार मानी जाती है. भले ही ज्यादातर राजपूत राजा मुगलों के अधीन हो गए थे लेकिन महाराणा प्रताप और उनके सहयोगी मुगलों के हाथ नहीं आए. प्रताप ने मुगल सम्राट अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और पूरी जिंदगी मुगल साम्राज्य के खिलाफ लड़ते रहे.
ये भी पढ़ें-
MP: बीजेपी विधायक देवीलाल धाकड़ ने महाराणा प्रताप की याद में गाया गाना, सोशल मीडिया पर वायरल
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)