Shivsena Criticized Congress: शिवसेना ने शनिवार को कांग्रेस की आलोचना करते हुए उसके भाग्य पर गहरी चिंता व्यक्त की. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस बुरी तरह से कमजोर हो रही है क्योंकि बहुत सारे नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस की हालत बादल फटने जैसी है. समस्या यह है कि पैच कहां लगाएं और सील कहां करें. 


महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल कांग्रेस के प्रति शिवसेना ने उस दिन चिंता जताई जब पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) की पुण्यतिथि मना रही थी. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा कि कैसे पार्टी ने सुनील जाखड़, हार्दिक पटेल और अतीत में ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद जैसे नेताओं को खो दिया, फिर भी कांग्रेस में हर कोई पार्टी को 'पुनर्जीवित' करने की बात करता है.


सुनील जाखड के लिए क्या बोली कांग्रेस ?
शिवसेना ने कहा कि पंजाब के दिग्गज कांग्रेसी नेता दिवंगत बलराम जाखड़ के बेटे सुनील जाखड़ ने सालों तक पंजाब कांग्रेस का नेतृत्व किया लेकिन हाल ही में उनको दरकिनार करके नवजोत सिंह सिद्धू को अनावश्यक महत्व दिया गया. भारतीय जनता पार्टी के लिए कांग्रेस छोड़ने से पहले आहत सुनील जाखड़ ने कहा कि मैं केवल पंजाब और राष्ट्र के हित में बोल रहा था. कांग्रेस ने मेरी आवाज दबाने की कोशिश की और मुझे नोटिस दिया. इससे उनको क्या हासिल हुआ? 


शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस ने जाखड़, माधवराव सिंधिया और जितेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं का पालन-पोषण किया और यहां तक कि उनके बच्चों सुनील, ज्योतिरादित्य और जितिन के लिए भी बहुत कुछ किया लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं उनके पिता से बड़ी थीं जो कांग्रेस तुलना में बहुत छोटी साबित हुईं. हालांकि संकट के समय पार्टी को उनकी जरूरत थी.


कांग्रेस में भविष्य नहीं देख रही है शिवसेना ?
शिवसेना ने कहा कि देश के युवा कांग्रेस में अपना भविष्य नहीं देख रहे हैं खासकर जब उनके पास कुछ समय से पूर्णकालिक अध्यक्ष भी नहीं है. शिवसेना ने कहा कि हालांकि चिंतन शिविर में कुछ सकारात्मक निर्णय लिए गए लेकिन कांग्रेस नेतृत्व का मुद्दा अंधेरे में रहा. संपादकीय में कहा गया है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं वहां अच्छी छवि वाले नेताओं के साथ कांग्रेस को अच्छा व्यवहार करना चाहिए था.


हालांकि सिद्धू के कारण कांग्रेस पंजाब हार गई और जाखड़ भी चले गये. हार्दिक पटेल को गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी गई. उनका कहना है कि दिशाहीन पार्टी ने उनके हाथ-पैर बांध दिए जिससे उन्होंने इस्तीफा दे दिया. संपादकीय में कहा गया है कि पीएम मोदी और बीजेपी 2024 के चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है, मगर कांग्रेस में 'लीकिंग इमरजेंसी' जारी है, जो संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.


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