मुंबई: मुंबई और महाराष्ट्र के अनेक इलाकों में भगवान गणेश की मूर्तियों के विसर्जन के बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 11 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद जिले में बिदकिन के पास शिवनाई लेक में विसर्जन के दौरान तीन लोग डूब गए.


राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने यहां बताया कि औरंगाबाद में तीन लोगों की मौत के अलावा, पुणे में चार, जलगांव में दो, नासिक और बीड जिले में एक-एक व्यक्ति की जानें चली गईं. बहरहाल उनकी मौत के बारे में विस्तृत जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है. मुंबई में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के आधिकारिक आवास में स्थापित प्रतिमा को कृत्रिम (ऑर्टिफिशियल) तालाब में विसर्जित किया गया.


लालबागचा राजा से की गई विसर्जन की शुरुआत


मुंबई में गणेश मूर्तियों के विसर्जन की शुरुआत गणेश गली मंडल और लालबागचा राजा की गणेश मूर्तियों से की गयी. त्योहार के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु जुटे थे. यह गणेश उत्सव 25 अगस्त को शुरू हुआ और 'अनंत चतुर्दशी' पर समाप्त हो रहा है. सेंट्रल मुंबई के लाल बागचा राजा पंडाल की गणेश प्रतिमा के विसर्जन से पहले अनेक भक्तों ने यहां मछुआरों के पारंपरिक कोली नृत्य का प्रदर्शन किया. सोलापुर में भक्तों ने गणेश मूर्तियों को अपने घरों से निकाला और उन्हें यहां सिद्धेश्वर झील में विसर्जित कर दिया.


तिलक अंग्रेज़ों से लड़ने के लिए की थी पर्व की शुरुआत


गणेश मूर्तियों का विसर्जन गणेश उत्सव के अंत का प्रतीक है. बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में देशभक्ति और ब्रिटिश राज से लड़ने का जज्बा पैदा करने और इसके लिए लोगों को एकजुट करने के लिए इस उत्सव का प्रारंभ किया था. पुलिस ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित 7,600 गणेश मूर्तियों, जबकि घरों में स्थापित एक लाख से ज्यादा मूर्तियों को विसर्जित कर दिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि गणेश की छोटी मूर्तियों को पहले विसर्जित किया जाएगा, जबकि इसके बाद लालबागचा राजा जैसी बड़ी मूर्तियों को दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के करीब अरब सागर में विसर्जित किया जाएगा. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बताया कि कम से कम 80 सार्वजनिक मूर्तियों और 3600 घरेलू मूर्तियों का विसर्जन कर दिया गया है. बीएमसी, पुलिस, तटरक्षक बल और नौसेना ने मूर्तियों का सुचारू और सुरक्षित विसर्जन तय करने के लिये विस्तृत व्यवस्था की है.


गणेश मूर्तियों के विसर्जन के प्रमुख स्थान गिरगांव चौपाटी, जुहू बीच, पवई झील, दादर चौपाटी, मात जेटी और मलाड में इसके लिए उचित प्रबंध किये गये हैं. बीएमसी ने भक्तों से किसी भी सहायता के लिये अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है. पुलिस ने विसर्जन वाले स्थानों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी और राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों को भी तैनात किया.