नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संकट के बीच मास्क, सैनिटाइटर और दवाओं की कालाबाजारी बढ़ गई है. इसके मद्देनजर राज्य प्रशासन से सर्कुलर जारी कर अब कोरोना वायरस की दवा रेमडेसिवीर के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है. अब लोगों को दवा डॉक्टर के निर्देश, कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट और आधार कार्ड दिखाने के बाद मिलेगी.


दवाओं की कालाबाजारी करने वालों पर होगी  सख्त कार्रवाई


महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हाल ही में राज्य में रेमडेसिवीर (remdesivir) और तोसलिजुमाब (tocilizumab) दवाओं की कमी के बारे में एफडीए अधिकारियों और मुंबई पुलिस के साथ बैठक की. अनिल देशमुख ने कहा, ‘रेमडेसिवीर की कालाबाजारी रोकने के लिए एफडीए और पुलिस मिलकर कार्रवाई करेंगे. अगर कोई दवाओं की कालाबाजारी करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


महाराष्ट्र के एफडीए मंत्री राजेंद्र शिंगने ने हाल ही में रेमडेसिवीर और तोसलिजुमाब की कमी और कालाबाजारी की शिकायतें मिलने के बाद मुंबई में औचक निरीक्षण किया. अब, महाराष्ट्र में इन दवाओं को खरीदने के लिए लोगों को आधार कार्ड और कई अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी.


आधार कार्ड नंबर की मदद से दवाओं को किया जा सकेगा ट्रैक


महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन मंत्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि 'Covid-19 दवाओं की कमी और ब्लैक मार्केटिंग के मद्देनजर आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमें जरूरतमंद लोगों की कई शिकायतें मिली हैं. अब आधार कार्ड नंबर की मदद से ये पता किया जा सकेगा कि दवा कब और किसे दी गई है.


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