नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की साझा सरकार बनाने का फार्मूला लगभग तैयार है. वृहद स्तर पर इसकी सहमति बन गई है. न्यूनतम साझा कार्यक्रम और पावर शेयरिंग फॉर्मूला तकरीबन अंतिम रूप में हैं. कुछ मुद्दों पर सहमति बननी बाकी है, जिसे अगले दो दिनों में बैठक के बाद अंतिम रूप दे दिया जाएगा. अभी तक बने पावर शेयरिंग फॉमूले के मुताबिक विधायकों की संख्या के आधार पर मंत्रालयों का आवंटन होगा. यानी जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी होगी.


क्या है फॉर्मूला


शिवसेना के 56 विधायक हैं और उसे मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रालय या मंत्री पद दिए जाएंगे. एनसीपी के 54 विधायक हैं और उसे भी 14 मंत्रालय या मंत्री पद दिए जाएंगे. कांग्रेस के 44 विधायकों और कांग्रेस को 11 मंत्रालय या मंत्री पद जाएंगे. बचे हुए तीन मंत्रालयों के बंटवारे का फैसला होना बाकी है.


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शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे और पूरे पांच साल के लिए शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होगा. मुख्यमंत्री अपने पास सामान्य प्रशासन तो रखेंगे ही, शहरी विकास मंत्रालय भी रखेंगे. शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत नगर पालिका और नगर निगम आती हैं. इसमें मुंबई महानगरपालिका भी शामिल है. इसका बजट 30000 करोड़ रुपये सालाना से ऊपर होता है. फिलहाल बीएमसी में शिवसेना बीजेपी की मदद के काबिज है. इसके अलावा भी कई शहरी नगर निगम और नगर पालिकाओं में शिवसेना का कब्जा है. दरअसल शिवसेना शहरी पार्टी है. उसका दबदबा शहरी इलाकों में ज्यादा है. इसलिए मुख्यमंत्री शहरी विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं.


एक बड़ी खबर यह भी है कि उद्धव ठाकरे अपने बेटे और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक शिवसेना की दूसरे सबसे ताकतवर नेता और ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी के चिराग आदित्य ठाकरे को शिक्षा मंत्री बनाया जा सकता है. आदित्य ठाकरे के अलावा शिवसेना कोटे से एकनाथ शिंदे दिवाकर राउत और सुभाष देसाई को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा.


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कांग्रेस को मिल सकता है विधानसभा अध्यक्ष का पद


कांग्रेस कोटे से अशोक चौहान ,पृथ्वीराज चौहान, बालासाहेब थोराट मंत्री बनेगे. एक डिप्टी सीएम कांग्रेस को दिया जाएगा. डिप्टी सीएम का नाम कांग्रेस तय करेगी. राजस्व मंत्रालय भी कांग्रेस को दिया जाएगा. माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जा सकता है.


एनसीपी से अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा. वह राज्य के गृहमंत्री भी होंगे. यानी राज्य का दूसरा सबसे ताकतवर मंत्रालय गृह मंत्रालय एनसीपी को दिया जा रहा है. एनसीपी कोटे से जयंत पाटिल, छगन भुजबल और नवाब मलिक मंत्री बनेंगे.


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सरकार संचालन के लिए एक सुपर कमेटी बनाई गई है. इसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार शामिल हैं. यह सुपर कमेटी 12 सदस्य को-ऑर्डिनेशन कमेटी के ऊपर होगी. को-ऑर्डिनेशन कमेटी रोजमर्रा के सरकार संचालन के मुद्दों को देखेगी और हर 15 दिन को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक होगी. महाराष्ट्र में साझा सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर चलेगी. इस न्यूनतम साझा कार्यक्रम के केंद्र में किसान हैं. अब देखना होगा कि अगले दो दिनों में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार के स्वरूप में सामने आ पाती है?


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