Look Out Notice: जितेंद्र नवलानी के खिलाफ एसीबी ने जारी किया LOC, संजय राउत ने लगाया था वसूली करने का आरोप
Maharashtra ACB: महाराष्ट्र के व्यापारी जितेंद्र नवलानी के खिलाफ महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया है. नवलानी पर अवैध वसूली करने का आरोप लगा है. फिलहाल नवलानी फरार चल रहा है.
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FIR On Navlani: महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने व्यापारी जितेंद्र नवलानी उर्फ़ जीतू नवलानी के ख़िलाफ़ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है. नवलानी पर आरोप है कि वो बड़े-बड़े व्यापारियों से वसूली करता है और इसके लिए वो दावा करता है कि वो ED के अधिकारियों के लिए यह काम कर रहा है. एसीबी को शक है कि नवलानी के ख़िलाफ जब FIR दर्ज की जा रही थी तब उन्हें इस बात की जानकारी किसी ने पहले ही दे दी. जिसके बाद वो शायद भारत छोड़ के भाग गया है.
नवलानी के ख़िलाफ़ ACB ने 5 मई को प्रीवेन्शन ऑफ़ करप्शन एक्ट की धारा 7 (A) और 8 के तहत मामला दर्ज किया था. उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने शहर के व्यापारियों से लगभग 59 करोड़ रुपए की वसूली की है. ACB के एक बड़े अधिकारी ने बताया की FIR दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही जितेंद्र नवलानी के खिलाफ LOC जारी किया गया था, उन्हें उनका बयान दर्ज करवाने और पूछताछ के लिए कई बार समन भेजा गया पर वो अनट्रसेबल हैं.
क्या वाकई में ईडी के अधिकारियों के संपर्क में था नवलानी
शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी वसूली का रैकेट चला रहे हैं जिसके लिए वो बड़े-बड़े व्यापारियों को मनी लोंड्रिंग के मामलों में फंसाने का डर दिखाते हैं. एक अधिकारी में बताया कि हम इस बात की भी जाँच कर रहे हैं की क्या नवलानी ED के अधिकारियों का नाम इस्तेमाल करता था या फिर वो सच में किसी ED अधिकारी के सम्पर्क में था. ACB सूत्रों ने आगे बताया की उन्होंने कुछ सबूतों के आधार पर नवलानी के साथ काम करने वाले स्टाफ़ का बयान दर्ज किया था जिसके बाद ACB को कुछ और सबूत मिले और फिर शुरूआती जांच के बाद ही NCB ने FIR दर्ज की.
FIR के मुताबिक़ नवलानी ने पैसे कसलटेंट फीस के तौर पर या फिर लोन के तौर पर लिए थे. इन रुपयों को बाद में अलग-अलग शेल कंपनी में ट्रांसफ़र किया गया था. ACB का दावा है की ये पैसे उसने 2015 से 2021 के बीच जमा किए थे. इससे पहले शिवसेना के एक नेता ने इस संदर्भ में मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे से शिकायत की थी जिसके बाद ये मामला जांच के लिए EOW (इकोनोमिक ऑफेंस विंग) को दे दिया गया था और फिर कुछ दिनों के बाद इस मामले की जांच के लिए एक SET (स्पेशल इन्क्वायरी टीम) बनाई गई. SET ने भी नवलानी से पूछताछ के लिए उसे कई बार समन भेजे हैं.
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