Afzal Khan Tomb: अफजल खान की कब्र के इर्द-गिर्द चला बुलडोजर, बीजेपी ने मनाया जश्न, निशाने पर उद्धव ठाकरे
Maharashtra Politics: अफजल खान की कब्र के पास बने अवैध निर्माण को गिराने को लेकर शिंदे सरकार और उद्धव गुट के बीच राजनीति शुरू हो गई है.
Maharashtra Afzal Khan: महाराष्ट्र के सतारा जिले में प्रतापगढ़ किले के पास अफजल खान की कब्र के इर्द-गिर्द अवैध निर्माण को धराशायी करने का मामला गरमाता जा रहा है. प्रतापगढ़ किले के परिसर में मौजूद अफजल खान की कब्र के आसपास के अवैध कब्जे पर जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ढहा दिया है. ये विवाद लगभग दो दशक से चल रहा था, लेकिन अवैध निर्माण तोड़ने के बाद भी यह थमता नजर नहीं आ रहा है.
बीजेपी ने अवैध कब्जा गिराने के बाद जश्न मनाया है. इस विवाद की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला प्रशासन की तरफ से कितनी पुख्ता तैयारी की गई थी. किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो इसलिए एरिया में धारा-144 लागू कर दी गई है. चार जिलों के 1500 से अधिक पुलिसकर्मी प्रतापगढ़ में तैनात किए गए. सुबह 6 बजे ही प्रशासन की टीम पहुंच गयी थी. सतारा जिला प्रशासन और जिले के एसपी, कलेक्टर, तहसीलदार की अगुवाई में डेमोलिशन शुरू किया गया जो कि देर रात तक चला.
क्या है मामला?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार को अवैध ढांचे को गिराने का अल्टीमेटम दिया था. अनधिकृत ढांचा 15 से 20 गुंठा भूमि (एक गुंठा 1,089 वर्ग फुट के बराबर) पर फैला हुआ था. जमीन का कुछ भाग फारेस्ट डिपार्टमेंट का है जबकि कुछ हिस्सा राजस्व विभाग का है. दरअसल साल 2006 में स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत संबंधित विभाग से की थी. जब विभाग की ओर से कुछ नहीं किया गया तो मामला कोर्ट में गया.
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इस मामले में दायर की गई याचिकाओं पर फैसला करते हुए 15 अक्टूबर 2008 और 11 नवंबर 2009 को निर्माण को गिराने का आदेश दिया था, लेकिन इसको आगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. उच्चतम न्यायालय ने भी हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. फिर 2017 में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
विवाद क्या है?
अफजल खान की कब्र को लेकर विवाद तब सामने आया जब साल 2000 में कुछ मुस्लिमों ने इस कब्र पर दावा करते हुए वहां पर एक शेल्टर बनाने का फैसला किया. बीते 20 से 22 सालों में धीरे-धीरे कब्र पर चारों तरफ से एक आर्केड के साथ एक स्थायी संरचना खड़ी कर दी गई. माना जाता है कि अफजल खान की कब्र पर एसबेस्टस की पतली शीट की छत बनाई गई थी. इसके अंदर मौलानाओं के लिए स्पेशल कमरे बनाए गए हैं.
बीजापुर के अत्याचारी शासक और शिवाजी के कट्टर दुश्मन रहे अफजल खान का किले में महिमानंडन शुरू कर दिया गया. दो दशक पहले तक अफजल खान की कब्र जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी. इस पर किसी का कोई ध्यान नहीं था. प्रतापगढ़ किले के प्रवेश गेट से अंदर जाते ही कुछ सीढ़ियां चढ़ने पर दाहिनी तरफ इसकी कब्र को देखा जा सकता था. ऐसा आरोप लगता आ रहा है छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतापगढ़ किले में अब मुस्लिम मौलवी अफजल खान का गुणगान करते हैं. इस पर हिंदुत्ववादी संगठनों ने कहा कि शिवप्रताप दिवस के अवसर पर अफजल खान की कब्र के पास अनाधिकृत निर्माण कार्य को गिराने के लिए वो महाराष्ट्र सरकार का अभिनंदन करते हैं.
सरकार का क्या कहना है?
एकनाथ शिंदे गुटे के नेता और मंत्री उदय सावंत कहा कि अफजल खान के कब्र के पास जो अवैध निर्माण हुआ था उसे ढाई सालों में पिछली सरकार ने क्यों नहीं गिराया? यह काम सीएम एकनाथ शिंदे ही कर सकते हैं. बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कहा कि जो काम किसी से नहीं हुआ वो हमारे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने करके दिखा दिया. वहीं उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि कोई भी दल इसका श्रेय लेने की कोशिश ना करें.
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