Anil Deshmukh Money Laundering Case: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने रविवार (12 फरवरी) को चौंकाने वाला दावा किया. उन्होंने कहा कि जेल में उन्हें एक ऐसा ऑफर मिला था, जिसे वो मान लेते तो महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार (MVA Government) काफी पहले गिर गई होती. अनिल देशमुख धनशोधन मामले में 13 महीने जेल में थे और अभी जमानत पर हैं. अनिल देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें पिछले साल 28 दिसंबर को जमानत पर रिहा किया गया. 


अनिल देशमुख ने वर्धा के सेवाग्राम में नदी व वन संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली ग्राम सभाओं गैर-सरकारी संगठनों (NGO) के सामूहिक वन अधिकारों के राज्य-स्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया. यहां उन्होंने दावा किया, "मुझे जेल में ऑफर मिला था, जिसे मैंने खारिज कर दिया. अगर मैं समझौता कर लेता (ऑफर स्वीकार कर लेता) तो महाविकास आघाड़ी के नेतृत्व वाली सरकार ढाई साल पहले ही गिर गई होती, लेकिन मैं न्याय में विश्वास करता हूं, इसलिए मैंने रिहा होने का इंतजार किया."


'सबूत पेश करने में नाकाम रही जांच एजेंसी'


इससे पहले, शनिवार (11 फरवरी) को अनिल देशमुख ने कहा कि मुझ पर 100 करोड़ रुपये (धनशोधन) का आरोप है, लेकिन आरोप पत्र में यह राशि 1.71 करोड़ रुपये बताई गई है. उन्होंने कहा, "जांच एजेंसी 1.71 करोड़ रुपये के भी सबूत पेश करने में नाकाम रही."


'हाई कोर्ट ने पाया कि केस में दम नहीं है'


अनिल देशमुख ने दावा किया कि हाईकोर्ट ने पाया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जो मामले दर्ज किए हैं, उनमें कोई दम नहीं है. उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने भी देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन वो आरोपों की जांच के लिए गठित चांदीवाल आयोग के समक्ष पेश नहीं हुए.


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