Maharashtra Wine Policy: महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार (Thackeray Government) के मंत्रिमंडल (Cabinet) ने एक नई पॉलिसी को को मुंजूरी दी. इसके तहत अब किराना स्टोर और सुपर मार्केट (Super Market) में भी वाइन बेची जा सकती है. शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने सरकार के इस निर्णय को किसानों के हित वाला बताया है. उनका कहना है कि यह कदम किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाया गया है.


वहीं महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ठाकरे सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैबीजेपी के विरोध करने पर संजय राउत ने कहा, ये वाइन है. लिकन नहीं है. किसानों के हित का निर्णय है क्योंकि अंगूर से वाइन का उत्पादन होता है. बीजेपी को किसानों के हित के बारे में कोई चिंता नहीं है. विरोध करना इनका काम हो गया है. वाइनरी उद्योग से किसानों को आर्थिक मदद मिल रहा है. किसानों की आमदनी को डबल करने के लिए हमने किया है.


मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि सुपरमार्केट और आस-पडोस की दुकानों में अलग स्टॉल आधारित व्यवस्था अपनाई जाएगी जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक है. जो महाराष्ट्र की दुकान और प्रतिष्ठान कानून के तहत रजिस्टर्ड हैं. लेकिन पूजा स्थलों या शैक्षणिक संस्थानों के निकट सुपरमार्केट में शराब की बिक्री की इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा, जिन जिलों में शराबबंदी लागू है, वहां भी शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी. शराब बेचने के लिए सुपरमार्केट को 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा.


बीजेपी का क्या तर्क है


बीजेपी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार शराब को बढ़ावा दे रही है. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने शराबबंदी वापस ले ली है. उन्होंने कहा, ‘‘हम महाराष्ट्र कोमद्य-राष्ट्रनहीं बनने देंगे. महा विकास आघाड़ी सरकार ने महामारी के दो साल के दौरान लोगों की मदद नहीं की, लेकिन इसकी ‘‘प्राथमिकता शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है.’’


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