Gateway Of India: ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया पर मंडरा रहा खतरा, पुरातत्व विभाग ने जारी की रिपोर्ट
Gateway of India in Danger: मुंबई के ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया को लेकर राज्य पुरातत्व विभाग ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इसके संभावित खतरों के बारे में आगाह किया गया है.
Archaeological Report on Gateway of India: मुंबई में समंदर किनारे स्थित ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया (Gateway of India) पर खतरा मंडरा रहा है. इसकी इमारत लगभग सौ साल पुरानी होने वाली है. 2024 में यह सौ वर्ष का आंकड़ा पूरा कर लेगी. इमारत को पहुंची क्षति को लेकर महाराष्ट्र के पुरातत्व विभाग ने एक स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट (Structural Audit Report) तैयार की है. इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावे किए गए हैं.
राज्य पुरातत्व विभाग (Archaeological Department) की रिपोर्ट के मुताबिक, गेटवे ऑफ इंडिया की नींव और दीवारों में दरारें आ रही हैं. इसकी वजह से इमारत कमजोर हो रही है, जिसे ठीक करने की जरूरत है. राज्य पुरातत्व विभाग ने महाराष्ट्र सरकार से गेटवे ऑफ इंडिया की मरम्मत के लिए आग्रह किया है.
गेटवे ऑफ इंडिया का इतिहास
बता दें कि गेटवे ऑफ इंडिया को 1924 में मुंबई में समंदर किनारे बनाया गया था. ऐसा कहा जाता है कि उस समय किंग जॉर्ज पंचम के स्वागत के लिए इसे बनाकर तैयार किया गया था. किंग जॉर्ज पंचम ने अपनी भारत यात्रा के दौरान सबसे पहले इसी गेट से प्रवेश किया था. वहीं, अंग्रेजों की अंतिम टुकड़ी भी इसी गेटवे ऑफ इंडिया से भारत को छोड़कर चली गई थी और भारत ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हो गया था.
किसके पास है गेटवे ऑफ इंडिया की हिफाजत की जिम्मेदारी?
गेटवे ऑफ इंडिया की हिफाजत की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार के पास है. राज्य सरकार पर इसकी अनदेखी करने का आरोप लग रहा है. हालांकि, महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आश्वासन दिया है कि गेटवे ऑफ इंडिया की मरम्मत के लिए करीब 8 करोड़ रुपये की रकम का प्रस्ताव रखा गया है. जल्द ही यह रकम पास हो जाएगी और जर्जर हो रही ऐतिहासिक इमारत को ठीक किया जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले समंदर में तूफान आने की वजह से गेटवे ऑफ इंडिया के पास की दीवार समंदर के थपेड़ों की वजह से टूट गई थी. तभी से इस पर खतरे का आभास होने लगा था.
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