मुंबई: आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी चुनाव प्रचार की शुरुआत साधू-संत और महंतों के शहर गोदावरी से कर रही है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जनादेश यात्रा के समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नासिक शहर से चुनाव का बिगुल फूंकेंगे. उत्तर महाराष्ट्र की इस पावनभूमि से चुनाव प्रचार के शुभारंभ के अपने मायने हैं.


चुनाव प्रचार की शुरुआत के लिए बीजेपी ने कुंभ नगरी गोदावरी का चयन किया है. साल 2014 को इसी तपोवन मैदान पर हुई नरेंद्र मोदी की भव्य जनसभा ने कांग्रेस-राष्ट्रवादी के इस गढ़ पर फतेह हासिल की थी. 1995 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार की घोषणा बाल ठाकरे ने इसी तपोवन मैदान से की थी. यही वजह है कि नासिक शहर और उसका ये तपोवन मैदान बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.


एक समय था तब नासिक के सभी 15 विधायक शरद पवार की पार्टी से हुआ करते थे. ये शरद पवार का गढ़ माना जाता था. बारामती के बाद सबसे सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र शरद पवार के लिए यही नासिक शहर था. लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर महाराष्ट्र बीजेपी के नाम हो गया. 2014 के विधानसभा में पहली बार उत्तर महाराष्ट्र की 47 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के नाम 19 सीटें हुईं. अब मुख्यमंत्री विश्वास जता रहे हैं कि इसबार बीजेपी-शिवसेना गठबंधन 42 सीटें जीतने में कामयाब होगी. इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी ने प्रधानमंत्री की महाराष्ट्र चुनाव की पहली सभा के लिए नासिक शहर का चुनाव किया है.


बीजेपी को विदर्भ के बाद सबसे ज्यादा जनादेश जिस उत्तर महाराष्ट्र की जनता ने 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में दिया, उनका धन्यवाद करने और दोबारा जनादेश मांगने के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री खुद नासिक पहुंचेंगे. सिंहस्थ कुंभ मेले में साधू-संतों के शाही स्नान के जुलूस की शुरुआत भी इसी तपोवन मैदान से हुई थी. बीजेपी सत्ता के शाही स्नान की शुरुआत भी इसी तपोवन मैदान से करना चाहती है.


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