पंकजा मुंडे बीजेपी के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को अब उनकी बेटी पंकजा आगे लेकर चल रही हैं. पंकजा मुंडे महाराष्ट्र के परली से विधायक हैं और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं. पंकजा मुंडे ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद से की थी.
गोपीनाथ मुंडे की बेटी होने के अलावा पंकजा मुंडे दिवंगत बीजेपी नेता प्रमोद महाजन की भतीजी भी हैं. इस तरह से वह न सिर्फ गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत बल्कि प्रमोद महाजन की विरासत भी आगे बढ़ा रही हैं. पंकजा मुंडे का जन्म 26 जुलाई, 1979 को परली में हुआ था. पंकजा के दो भाई-बहन हैं जिनके नाम यशहारी और प्रीतम हैं. पंकजा मुंडे ने एक डॉक्टर से उद्योगपति बने अमित पालवे से शादी की है और उनका आर्यमन नामक एक बेटा है.
पंकजा साइंस से ग्रेजुएट हैं और उन्होंने एमबीए की पढाई भी की है. परली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक के रूप में चुने जाने से पहले वह एक गैर सरकारी संगठन का हिस्सा थीं. पुणे में उनका खुद का एक सॉफ्टवेयर कंपनी भी था और पंकजा को लिखने का भी बहुत शौक था लेकिन उनके पिता ने उनको राजनीति में आने को कहा.
महिलाओं के लिए 'ऐप रक्षा'
फरवरी 2012 में उनके काफिले की कार पर कुछ लोगों ने हमला किया था और वह वहां से किसी तरह बचकर निकली थीं. इसके बाद उन्होंने ऐसी स्थितियों के लिए महिलाओं के लिए एक एप्लिकेशन की शुरुआत की. उन्होंने 'ऐप रक्षा' इस एप्लिकेशन का नाम रखा.
राजनीतिक सफर
2009 में वह परली निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र विधानसभा की विधायक बनीं लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने पिता के लिए आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए प्रचार किया. विधानसभा चुनाव से पहले, उन्होंने "पुन्हा संघ यात्रा" की अध्यक्षता की. पंकजा ने 27 अगस्त 2014 को 14 दिनों की यात्रा शुरू होने के दौरान 600 रैलियों और 3500 किलोमीटर सड़क यात्रा करके 79 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया. साल 2014 में उन्होंने 31 अक्टूबर को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. उन्हें ग्रामीण विकास, महिला और बाल कल्याण मंत्रालय आवंटित किया गया था. पंकजा मुंडे ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ मजबूत अभियान, पानी की पाइपलाइन के कार्यान्वयन के माध्यम से लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए काम करना, चिकित्सा अनुसंधान की बेहतरी के लिए अस्पतालों में प्रयोगशाला सुविधाओं का कार्यान्वयन जैसे कई काम शामिल है.
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