मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी के इस कदम पर शरद पवार ने बीजेपी पर निशाना साधा है.


पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने तंज भरे लहजे में कहा, ''केस दर्ज कर लिया गया है. अगर मुझे जेल जाना पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मैंने अभी तक इसका (जेल) अनुभव नहीं किया है, मुझे प्रसन्नता होगी अगर मुझे जेल भेजने की योजना बनाई है, मैं स्वागत करता हूं.''


उन्होंने कहा, "अगर उन्होंने मेरे खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं. मुझे तब आश्चर्य होता जब राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी यात्राओं के दौरान मुझे मिली प्रतिक्रिया के बाद भी मेरे खिलाफ ऐसी कार्रवाई न की जाती."


शरद पवार के खिलाफ यह मामला मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बैंक के पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों के नाम हैं. अधिकारी ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी की एफआईआर में शरद पवार का नाम दर्ज किया गया है.


महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. माना जा रहा है कि आरोपियों को एजेंसी द्वारा जल्द ही उनके बयान दर्ज करने के लिये समन किया जाएगा. राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर इस साल अगस्त में मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी. मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के आरोप में आपराधिक आरोप लगाए हैं.


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ईओडब्ल्यू से बंबई हाईकोर्ट ने मामला दर्ज करने को कहा था. इससे पहले न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति एस के शिंदे ने कहा था कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ “विश्वसनीय साक्ष्य” हैं. पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एक जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.