नई दिल्ली: एनसीपी सांसद सुप्रिया सदानंद सुले को राजनीति में कदम रखे एक दशक से ज्यादा हो गये हैं. साल 2006 में राज्यसभा सांसद बनने वाली सुप्रिया सुले अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी काफी लोकप्रिय हैं. सुप्रिया नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी की प्रेज़िडेंट और नेता शरद पवार की बेटी हैं. शरद पवार की सियासत को आगे बढ़ाने का मज़बूत दावेदार कौन है? बेटी सुप्रिया सुले या भतीजे अजीत पवार? सुप्रिया सुले लंबे वक्त से केंद्र की राजनीति में हैं. अगले महीने महाराष्ट्र मे विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में राज्य में उनकी भूमिका क्या होगी? इस तरह के कई ज्वलंत सवाल सामने आ रहे हैं. कहा जाता है कि शरद पवार की विरासत को सुप्रिया सुले ही संभाल रही हैं, हालांकि उन्होंने इस बात से कई बार इनकार किया है.
शरद चंद्र गोविंदराव पवार और प्रतिभा पवार की बेटी सुप्रिया सुले का जन्म 30 जून 1969 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. सेंट कोलंबिया स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने मुंबई के जय हिन्द कॉलेज से माइक्रोबायोलॉजी से स्नातक की डिग्री हासिल की है. उनका विवाह सदानंद बालचंद सुले से हुआ. शादी के बाद वे कुछ समय कैलिफ़ोर्निया में रही और इसके बाद कुछ समय इंडोनेशिया और सिंगापुर में रहने के पश्चात वे दोबारा मुंबई आकर बस गईं. वह समाजिक कार्य में भी सक्रिय रहती हैं. सुले ने राज्य स्तर पर भ्रूण हत्या के खिलाफ काफी असरदार कैंपेन चलाया था. अपने नेतृत्व में सुले ने 2012 में 'राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस' विंग भी बनाई जिसका उद्देश्य युवा लड़कियों को राजनीति के लिए तैयार करना था. उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्कले से जल प्रदूषण का कोर्स पूरा किया.
पिता शरद पवार की विरासत को आगे बढ़ा रहीं सुप्रिया तीसरी बार बारामती से सांसद हैं. बारामती पवार परिवार का गढ़ माना जाता है. जब वह कॉलेज में थीं, तब उनके पिता शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे. बताते हैं कि मुख्यमंत्री की बेटी होने के बावजूद कहा जाता है कि वह सरकारी बस से कॉलेज आती-जाती थीं. उन्हें घर से रोज सिर्फ दस रुपये पॉकेट मनी मिलती थी. संसद में दमदार भाषण देने वाली सुप्रिया को ही अब शरद पवार की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाना है. अब तक वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाती आईं हैं.
संसद में एक्टिव रहती हैं सुप्रिया
लगातार तीसरी बार सांसद बनीं सुप्रिया सुले संसद में काफी एक्टिव रहती हैं. 16वीं लोकसभा में पांच सालों के दौरान सवाल पूछने वाले सांसदों में सुप्रिया सुले पहले नंबर पर रही हैं. सुप्रिया सुले ने 2014 से 2019 के बीच संसद में 1181 सवाल पूछे. इसके अलावा हाजिरी के मामले में भी सुप्रिया काफी आगे रहीं हैं. 16वीं लोकसभा में कुल 331 बैठके हुईं, जिनमें से सुप्रिया सुले ने 317 बैठकों में हिस्सा लिया.
सुप्रिया सुले सांसद होने के साथ साथ सामाजिक आंदलनों से भी जुड़ी रही हैं. महाराष्ट्र में कन्या भ्रूण हत्या को लेकर बड़ा अभियान चलाया. महिला सुरक्षा को लेकर आवाज़ उठाने में आगे रही हैं. बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए भी उन्होंने मुहिम चलाई. महिलाओं को राजनीति में आगे लाने के लिए राष्ट्रवादी युवति कांग्रेस का गठन किया. सुप्रिया सुले महाराष्ट्र में बड़ी महिला नेता मानी जाती हैं.
सुप्रिया सुले का राजनीतिक सफर
सुप्रिया सुले के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो उनकी केंद्रीय राजनीति में एंट्री साल 2006 में हुई, जब वह पहली बार राज्यसभा की सांसद बनीं. इसके बाद 2009 में वह पहली बार लोकसभा के लिए चुनी गईं.उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी की कांता नलवाडे को हराया. 23 सितंबर 2009 को उन्हें महिला विकास समिति का सदस्य बनाया गया और 7 अक्टूबर 2009 को उन्हें आचार समिति का सदस्य बनाया गया.
राजनीतिज्ञ होने के अतिरिक्त वह पवार पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष भी हैं और कई सामाजिक संस्थाओं जैसे एनएबी विमन काउंसिल, नेहरू सेंटर (मुंबई), वाईबी चव्हाण केंद्र (मुंबई) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑन नोमेडिक एंड डि-नोटेड ट्राइब्स आदि की सदस्य भी हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में सुप्रिया ने अपनी जीत जारी रखी और संसद में पहुंचीं.