मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव होने में करीब दो महीने का वक्त बाकी है. चुनाव की तारीखों का एलान होने से पहले ही मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी-शिवसेना के सामने इस बार कांग्रेस की अगुवाई वाला गठबंधन नए समीकरण के साथ मैदान में उतर सकता है. AIMIM और प्रकाश अंबेडकर के बीच गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस ओवैसी को अपने पाले में लाने की कोशिश में लग गई है.


लोकसभा चुनाव में वंचित बहुजन आघाडी और एआईएमआईएम के गठबंधन से कांग्रेस-एनसीपी की काफी नुकसान हुआ था. गठबंधन के उम्मीदवार इम्तियाज जलील ने औरंगाबाद की सीट जीतकर यह बता दिया कि पार्टी राज्य में अपना वोट बैंक बढ़ा रही है. हालांकि कांग्रेस-एनसीपी के लिए राहत की खबर ओवैसी-अंबेडकर का गठबंधन टूटना है.


इसलिए टूटा गठबंधन


लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी प्रकाश अंबेडकर कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से दूरी बनाकर ही रहना चाहते हैं. वहीं AIMIM के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा शुरू है. कांग्रेस-एनसीपी बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने की वजह से चुनाव से पहले राज्य में काफी मुश्किलों का सामना कर रही है.


बता दें कि शुक्रवार को ओवैसी और अंबेडकर की पार्टी के बीच गठबंधन टूट गया था. अंबेडकर 288 विधानसभा सीट वाले राज्य में ओवैसी की पार्टी को 8 सीट ऑफर कर रहे थे. ओवैसी की पार्टी की तरफ से कहा गया कि 8 सीटें उसके लिए काफी कम हैं.


2 सीटों पर मिली थी जीत


2014 में ओवैसी की पार्टी ने महाराष्ट्र में 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था. राज्य में पार्टी को 2014 में 2 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि 9 सीटों पर पार्टी दूसरे-तीसरे नंबर पर रही थी. लोकसभा चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी का एक उम्मीदवार जीत दर्ज करने में कामयाब हुआ है.


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