Maharashtra Assembly Speaker: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker) को लेकर मची खींचातानी के बीच बीजेपी (BJP) विधायक राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) को स्पीकर चुन लिया गया है. कांग्रेस नेता नाना पटोले (Nana Patole) के पिछले साल पद से इस्तीफा देने के बाद से अध्यक्ष का पद खाली पड़ा था. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं. बीजेपी विधायक नार्वेकर का शिवसेना (Shiv sena) और एनसीपी (NCP) से गहरा नाता रहा है. नार्वेकर एनसीपी के वरिष्ठ नेता रामराजे निम्बलाकर के दामाद भी हैं, नाइक इस वक्त महाराष्ट्र विधान परिषद में सभापति हैं.


राहुल नार्वेकर सबसे काम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने हैं और वो पहली बार विधानसभा में जीत कर पहुंचे है. राहुल मुंबई के कुलाबा विधानसभा सीट से विधायक है. इससे पहले वे NCP से विधान परिषद सदस्य रह चुके है. उन्होंने युवा सेना में आदित्य ठाकरे के साथ काम भी किया है. राहुल नार्वेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील भी है. राहुल नारवेकर को बीजेपी ने अध्यक्ष इस लिए बनाया क्योंकि वो क़ानून के अच्छे जानकार हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में क़ानूनी मुद्दों से बचने के लिए राहुल नार्वेकर बीजेपी के खेवनहार के रूप में सामने आएंगे. एकनाथ शिंदे सरकार ने रणनीति के तहत ये फैसला किया है.


साल 2019 में बीजेपी में हुए शामिल


महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष 45 साल के राहुल नार्वेकर पेशे से वकील हैं. उनके पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे. उनके भाई मकरंद BMC के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं. उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं. राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने उन्हें साउथ मुंबई की कोलाबा विधानसभा से मैदान में उतारा था, जहां उन्होंने जीत दर्ज की थी. राहुल नार्वेकर इस वक्त प्रदेश बीजेपी के मीडिया इंचार्ज भी हैं.


शिवसेना और एनसीपी में भी रहे राहुल


बीजेपी (BJP) से पहले राहुल नार्वेकर (Rahul Narwekar) शिवसेना (Shiv Sena) और एनसीपी (NCP) में भी रहे. राहुल नार्वेकर 15 साल तक शिवसेना में रह चुके हैं. 2014 में वह राज्य विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन, शिवसेना ने इनकार कर दिया. इसके बाद वह शिवसेना से इस्तीफा देकर शरद पवार (Sharad Pawar) की अगुआई वाली एनसीपी में शामिल हो गए. 2014 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के दौरान वह NCP के टिकट पर मावल सीट से मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत नहीं पाए. उसके बाद उन्होंने बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया, और कोलाबा से विधायक बने.


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