Maharashtra Politics: सीएम एकनाथ शिंदे गुट के 40 और उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को स्पीकर ने भेजा नोटिस, जानें किस पर मांगा जवाब
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिंदे गुट के 40 विधायकों और उद्धव खेमे के 14 एमएलए को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है.
Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. इसी बीच शनिवार (8 जुलाई) को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 एमएलए को नोटिस जारी किया.
इन सभी विधायकों से इनके खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा गया है. इंडिया टुडे के मुताबिक, नार्वेकर ने कहा कि इन एमएलए को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. हालांकि नोटिस शिवसेना (यूबीटी) विधायक रुतुजा लाटके को नहीं जारी किया गया है जो पिछले साल शिवसेना में टूट के बाद विधायक चुनी गई थीं.
राहुल नार्वेकर ने क्या कहा था?
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नार्वेकर ने एक दिन पहले बयान दिया था कि उन्हें भारत निर्वाचन आयोग से शिवसेना के संविधान की एक प्रति मिल गई है. वो शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई जल्द शुरू होगी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नार्वेकर ने कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना गुट के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर अयोग्यता पर जवाब मांगा गया है.
शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें विधानसभा से अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भी आदित्य ठाकरे सहित उद्धव गुट के 14 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की है.
उद्धव ठाकरे गुट पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट
इस हफ्ते की शुरुआत में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर उससे विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.
नार्वेकर पर हमला करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत ने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले दो महीने में (अयोग्यता याचिकाओं पर) कुछ नहीं किया, इसी वजह से हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जिसके कारण ही उन्होंने ये नोटिस जारी किया है. सात दिन के भीतर जवाब मांगा है.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में अपने फैसले में माना था कि शिवसेना में विद्रोह के दौरान सुनील प्रभु सचेतक थे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
विधायक सुनील प्रभु ने अविभाजित शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में पिछले साल शिंदे और अन्य 15 विधायकों के खिलाफ विधानसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दायर की थी, जब शिंदे गुट ने विद्रोह किया था और जून 2022 में राज्य में नयी सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था.
सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को अपने फैसले में कहा था कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे.
कोर्ट ने कहा था कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर उद्धव ठाकरे ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया था.