Maharashtra ATS: महाराष्ट्र एटीएस विशेष स्पेशल ड्राइव के तहत राज्य के अलग-अलग जिलों में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार करने की मुहिम चला रही है. एटीएस सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश के ये नागरिक अवैध रूप से देश में रह रहे हैं, जिससे देश को खतरा हो सकता है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि एंटी-नेशनल एलिमेंट्स इनका इस्तेमाल कर सकते हैं चाहे वे देश में हों या बाहर. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि डिफेंस एस्टेबलिशमेंट के लिए कई प्राइवेट एनटीटी भी काम करती हैं. 


इसलिए उन्हें ये सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया जा रहा है कि उनके यहां काम कर रहे सभी कर्मचारियों का बैकग्राउंड चेक किया जाए और ये सुनिश्चित किया जाए कि वे देश के नागरिक हैं. हाल ही में एक मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के एक आतंकी को मेट्रो कंस्ट्रक्शन साइट पर क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए पकड़ा गया था. उसके पास कई पहचान पत्र मिले जिनसे ये पता चला कि वह लखनऊ और दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट्स में काम कर चुका था. इसके अलावा मुंबई में 2008 में वर्सोवा से घाटकोपर तक बनी पहली मेट्रो लाइन के प्रोजेक्ट में भी उसने काम किया था.


बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी की मुहिम


एक अधिकारी ने बताया कि हम जितने भी बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से महाराष्ट्र में रह रहे हैं उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं और लोकल पुलिस को इसकी जांच सौंप दी जा रही है. हम ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इसमें कोई बड़ा पैटर्न है ताकि उसे एनालाइज किया जा सके. इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी. एटीएस का मकसद साफ है कि इस विश्लेषण के बाद सरकार को एक रिपोर्ट सौंपकर इस अवैध घुसपैठ को पूरी तरह से बंद किया जा सके.


एंटी-नेशनल एलिमेंट्स की बढ़ती संख्या


सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश में तख्ता पलट होने के बाद असादुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के दो सदस्यों को भी जेल से रिहा कर दिया गया था ऐसे कई एंटी नेशनल एलिमेंट्स है जो फिलहाल बांग्लादेशी जेल से बाहर है. इन एलिमेंट्स का देश में रह रहे अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की आशंका जताई जा रही है और इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) का भी हाथ हो सकता है.


हनी ट्रैप से बचाव के लिए सतर्कता


महाराष्ट्र में हाल के दिनों में कई मामलों में ये सामने आया है कि पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स ने भारतीय डिफेंस एस्टेब्लिशमेंट में काम कर रहे लोगों को हनी ट्रैप में फंसाया है. इन ऑपरेटिव्स ने देश की खुफिया जानकारी इकट्ठी करने की भी कोशिश की है. इस स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र एटीएस और लोकल पुलिस मिलकर ऐसे मामलों को रोकने के लिए कर्मचारियों के लिए विशेष सेशंस की योजना बना रहे हैं ताकि कोई भी व्यक्ति हनी ट्रैप का शिकार न हो.


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