Honeytrap Case: हनीट्रैप में एक और अधिकारी को फंसाने की कोशिश कर रहे थे पाकिस्तानी, ATS ने ऐसे पकड़ा
Honeytrap Case: एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि इंटेलिजेंस विभाग में काम करने वाले अधिकारी का नंबर मिलने के बाद एटीएस ने उस अधिकारी का मोबाइल फ़ोन और दूसरे संबंधित गैजेट को फोरेंसिक लैब भेज दिया है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र ATS ने डीआरडीओ के वैज्ञानिक को भारतीय मिसाइल से जुड़ी जानकारी पाकिस्तानी एजेंसी से साझा करने के मामले में गिरफ़्तार किया था. इसी मामले की जांच के दौरान एजेंसियों को पता चला कि पाकिस्तानी महिला उसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर इंटेलिजेंस विभाग में काम करने वाले एक अधिकारी से बात करने की कोशिश कर रही थी ताकि वो इंडियन आर्मी से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर सके.
एक अधिकारी ने बताया कि हम उस इंटेलिजेंस विभाग के अधिकारी को फिलहाल गवाह के तौर पर देख रहे हैं लेकिन हम इस बात से भी इंकार नहीं कर सकते कि हो सकता है कि वह भी डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरूलकर की तरह हनी ट्रैप में फंसा हुआ हो. कुरुलकर की रिमांड सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि एटीएस अधिकारियों ने इंटेलिजेंस विभाग के एक अधिकारी का आईफोन जब्त कर लिया है.
क्या है पूरा मामला?
एटीएस ने बताया कि जब वो डीआरडीओ के वैज्ञानिक कुरुलकर की कॉल और डेटा के विवरण की छानबीन कर रहे थे तभी उन्हें इस इंटेलिजेंस विभाग में काम करने वाले अधिकारी का नंबर मिला. जिसके बाद एटीएस ने उस अधिकारी का मोबाइल फ़ोन और दूसरे संबंधित गैजेट को फोरेंसिक लैब भेज दिया है. एक अधिकारी ने यह भी बताया कि आगे की कार्रवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि क्या उस अधिकारी ने भी कोई कॉन्फ़िडेंशियल या कोई क्लासीफाइड जानकारी उस महिला से साझा की थी क्या?
अधिकारी ने आगे बताया कि ATS को अभी तक ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे यह पता चले कि प्रदीप कुरूलकर के मामले और खुफिया अधिकारी के मामले में कोई संबंध है. हालांकि, उन्होंने पता लगाया है कि कुरूलकर को हनी-ट्रैप में फंसाने के लिए जिस नंबर का इस्तेमाल किया गया था, उसी नंबर का इस्तेमाल इंटेलिजेंस विभाग में काम करने वाले अधिकारी के मामले में भी किया गया था.
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