औरंगाबाद: कोरोना वायरस देश ही नहीं दौड़ती दुनिया को थमा चुका है, लेकिन देश में लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों पर पड़ ही है, जो दो वक्त की रोटी के लिए अपने वतन से हज़ारों किलोमीटर दूर गए, लेकिन अब इस मुश्किल वक्त में घरवापसी चाहते हैं तो उन्हें अपनी जान का नजराना पेश करना पड़ रहा है. कभी सफर में बीमार पड़ जा रहे हैं तो कभी दिल का दौरा पड़ जा रहा है. आज रेल की पटरियों पर ही मौत ने देस्तक दे दी.


लॉकडाउन की वजह से खाने के लिए अनाज नहीं थे, जीने के लिए पैसे नहीं थे, जान मुश्किल में लग रही थी और उससे बचने के लिए एक ही आस थी और वो किसी भी तरह अपने मुल्क, अपने देस, अपने गांव में वापसी... कि अगर घर पहुंच गए तो जिंदगी सलामत रह जाएगी. इस उम्मीद और आसरे ने वो हौसला दिया कि महाराष्ट्र के जालान से मध्यप्रदेश के भुसावल के लिए पैदल ही निकल पड़े.

रास्ते का पता नहीं, लेकिन इतना पता था कि ये पटरी हमारे गांव से गुजती है. शहर को जाती है. इसलिए ट्रेन की पटरी को पकड़े अपने घर के लिए निकल पड़े. अभी सफर की शुरुआत ही थी. महजह 40 किलोमीटर चले थे. पैदल चले थे, ऐसे में थकना लाजमी थी. सोचा जरा सुस्ता लें. आराम के लिए रुके तो नींद ने अपनी आगोश में ले लिया, लेकिन किसे मालूम कि सफर में रुकना हमेशा की नींद सुला देगा..

कैसे घटी औरंगाबाद की घटना..
सुबह करीब 5:15 बजे बजे थे. जालना से 40 किमी पैदल चलकर आ रहे थे, बहुत ज्यादा थक गए थे तो सोचा थोड़ा आराम कर लेते हैं, जो रोटियां पकाकर लाएं हैं वो खा लेते हैं. सभी 21 मजदूर औरंगाबाद में करमाड के पास थोड़ा आराम करने के लिए रुक गए. 16-17 मजदूर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. उन्होंने सोचा देश में लॉकडाउन है, कोई भी ट्रेन चल नहीं रही है तो यहीं आराम कर लेते हैं. उन्होंने रोटियां भी खाईं. इस बीच पता नहीं कैसे उनकी आंख लग गई. रेल पटरियों पर ही सो गए. तभी ट्रैक पर अचानक मालगाड़ी आ गई और देखते ही देखते मालगाड़ी उनपर चढ़ गई. कुछ ही पलों में 16 मजदूर मौत की नींद सो गए.

रेलवे ट्रैक पर बिखरी रोटियों की तस्वीरें देखकर दिल दहल जाता है. ये रोटियां कमाने के लिए ही ये मजदूर अपने राज्य मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र आए थे. लेकिन अब ये मजदूर कभी अपने घर नहीं जा पाएंगे.

औरंगाबाद की एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया, ये मजदूर भुसावल जाना चाहते थे जहां से वो ट्रेन पकड़कर अपने घर जाना चाहते थे. ये पैदल जा रहे थे, पटरी पर वो आराम करने के लिए लेटे थे उनको नींद आ गई और हादसा हो गया. ट्रैक पर कुछ मजदूरों को देखने के बाद मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की, लेकिन परभणी-मनमाड सेक्शन के बदनपुर और करमाड स्टेशनों के बीच उन्हें टक्कर लग गई. घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया है. जांच के आदेश दिए गए हैं.

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