मुंबई : महाराष्ट्र में बारिश और ओलों ने पहले से बदहाल किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में छह जिलों में जबरदस्त बारिश और ओले गिरने से बड़े पैमाने पर फसलों को भारी नुकसान हुआ है. कर्ज के बोझ के तले डूबे किसानों के लिए ये दोहरी मार है. सवाल है कि अब किसान करें तो क्या करें ?
ओलों ने पहले से बदहाल किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी
महाराष्ट्र में बारिश और ओलों ने पहले से बदहाल किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. महाराष्ट्र के छह जिलों में जबरदस्त बारिश और ओले गिरने से बड़े पैमाने पर फसलों को नुकसान हुआ है. कर्ज से बोझ के तले डूबे किसानों के लिए ये दोहरी मार है. न सिर्फ लातूर बल्कि उस्मानाबाद, बीड, सोलापुर, नांदेड़ और परभणी के इलाकों में भी अंगूर, आम और गेहूं की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
2 लाख एकड़ जमीन पर लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद
करीब 2 लाख एकड़ जमीन पर लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों का ये नुकसान तब हुआ है जब महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी को लेकर जमकर राजनीति चल रही है. दरअसल यूपी के किसानों की कर्जमाफी करने का चुनावी वादा महाराष्ट्र में बीजेपी के लिये मुसीबत बन गया है.
महाराष्ट्र के किसानों का कर्ज भी माफ होना चाहिए
महाराष्ट्र में सत्ता में साझीदार शिवसेना अड़ी हुई है कि महाराष्ट्र के किसानों का कर्ज भी माफ होना चाहिए. शिवसेना इस मुद्दे पर विपक्ष को साथ लेकर महाराष्ट्र विधानसभा सत्र चलने नहीं दे रही है. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वो किसानों के कर्ज माफी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इसके लिए केंद्र से बात करनी होगी.
महाराष्ट्र में 40 लाख 67 हजार से ज्यादा किसान कर्ज में डूबे
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 40 लाख 67 हजार से ज्यादा किसान कर्ज में डूबे हैं. किसानों की खुदुकुशी के मामले में भी महाराष्ट्र टॉप पर है. साल 2015 में महाराष्ट्र में 1841 किसानों ने खुदकुशी की थी. अगर देश की बात करें तो करीब साढ़े चार करोड़ किसान कर्ज में डूबे हैं. ऐसे में बाकी राज्यों को छोड़ बीजेपी के लिए सिर्फ महाराष्ट्र या यूपी के किसानों पर फैसला आसान नहीं होगा.