महाराष्ट्र : रफीक जकारिया वुमेंस कॉलेज में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर लगी रोक, जानें क्या है वजह
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक महिला कॉलेज ने कॉलेज परिसर में छात्राओं के मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्राओं के भविष्य को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
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औरंगाबादः आज के समय में जब मोबाइल आम जनजीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. ऐसे में डॉ. रफीक जकारिया वुमेंस कॉलेज प्रशासन ने एक अजीबोगरीब फैसला किया है. प्रशासन ने कॉलेज परिसर में छात्राओं के मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है. प्रशासन का कहना है कि मोबाइल साथ होने के कारण छात्राएं पढ़ने के बजाए सोशल मीडिया पर ज्यादा समय दे रहे हैं. इसलिए ऐसा करने से छात्राओं के शैक्षिक स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी. डॉ. रफीक जकारिया वुमेंस कॉलेज में 3,000 से अधिक छात्राएं हैं जो स्नातक तथा परा स्नातक के पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं.
डॉ. रफीक जकारिया वुमेंस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मकदूम फारूकी का कहना है कि, 'हम छात्राओं के लिए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए उपाय तलाश रहे थे. जिसमें हमने पाया कि अगर छात्राओं को कक्षाओं में मोबाइल फोन लाने की अनुमति न दी जाए तो वे पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकती हैं.'
डॉ. मकदूम फारूकी ने बताया कि 15 दिन पहले ही कॉलेज परिसर में मोबाइल फोन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है. उन्होंने बताया कि दूर दराज के स्थानों से आने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने के बाद अपना फोन जमा कराना होता है और उन्हें घर जाते समय फोन दे दिया जाता है.
कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. टी ए पैठणकर का कहना है कि पहले उन्हें यह फैसला प्रतिबंधात्मक लगा लेकिन अब इसके कारण छात्राएं अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगा रही हैं. जिसका असर उनके आने वाले परीक्षा परिणामों में साफ दिखेगा.
वहीं गोपनीयता की शर्त पर एक छात्रा का कहना है कि कॉलेज प्रशासन के इस फैसले के बाद हम अपने आसपास की दुनिया को जान रहे हैं. अब सभी छात्राएं अपना ज्यादातर समय पुस्तकालय में अखबार और पत्रिकाएं पढ़ने पर दे रही हैं.
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