Maharashtra Bandh: लखीमपुर खीरी की घटना का विरोध व्यक्त करने में लिए 11 अक्टूबर को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने महाराष्ट्र बंद करने का एलान किया है. राज्य में तीनों दलों के गठबंधन की महाविकास आघाड़ी की सरकार है. महाराष्ट्र कैबिनेट ने यूपी लखीमपुर में किसानों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर दुख व्यक्त करने का प्रस्ताव पारित किया. प्रस्ताव को एनसीपी जयंत पाटिल ने पेश किया और कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और शिवसेना के सुभाष देसाई ने इसका समर्थन किया.
महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा, “महाविकास आघाड़ी (एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना गठबंधन) ने लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना के खिलाफ 11 अक्टूबर को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है.”
प्रियंका में इंदिरा गांधी जैसा जोश- शिवसेना
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी में ठीक वैसा ही जोश और उत्साह है जैसा उनकी दिवंगत दादी इंदिरा गांधी में था. शिवसेना ने लखमीपुर खीरी जिले में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवार के सदस्यों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव को हिरासत में लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए बुधवार को यह बात कही. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पंजाब समकक्ष चरणजीत सिंह चन्नी को लखमीपुर खीरी जाने से रोकने पर यह भी पूछा कि क्या भारत-पाकिस्तान जैसी कोई दुश्मनी थी और देश के संघीय ढांचे में इसे "अजीब घटना" करार दिया.
बीजेपी को कीमत चुकानी होगी- शरद पवार
इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आगाह किया कि उसे लखीमपुर घटना की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और दावा किया कि पूरा विपक्ष किसानों के साथ है. हिंसा को ‘किसानों पर हमला’ करार देते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर इसकी जिम्मेदारी बनती है और लोग बीजेपी को उसके असली स्थान पर पहुंचा देंगे. उन्होंने कहा था, ‘‘ चाहे, यह केंद्र की सरकार हो या उत्तर प्रदेश की सरकार, वह तनिक भी संवेदनशील नहीं है. जिस प्रकार की स्थिति जालियावाला बाग में पैदा की गयी थी , उसी प्रकार की स्थिति हम उत्तर प्रदेश में देख रहे हैं. आज नहीं तो कल उन्हें इसकी भारी कीमत चुकाने ही पड़ेगी. ’’