Maharashtra Onion Farmer: प्याज के निर्यात पर रोक लगने से किसान मुसीबत में पड़ गए गए. प्याज के दाम गिरने से किसानों को उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही है. आलम यह है कि मंडी में किसानों को एक रुपये प्रति किलो का भाव मिल रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के बीड से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई, जहां एक किसान को अपनी फसल बेचने के लिए जेब से पैसे भरने पड़े.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री धनंजय मुंडे के गृह जिले बीड के नेकनूर गांव में रहने वाले किसान वैभव शिंदे बीती 20 दिसंबर को अपनी प्याज बेचने के लिए सोलापुर की मंडी गए. इस दौरान व्यापारियों ने वैभव की प्याज का दाम कौड़ियों के भाव लगाया. इतना ही नहीं उन्हें 565 रुपये अपनी जेब से व्यापारी को देने पड़े.
बचे हुए प्याज को फेंका
वैभव के पास कुल 7 एकड़ जमीन है, इसमें से दो एकड़ की जमीन पर 70 हजार रुपये प्रति एकड़ का खर्च करते हुए प्याज की फसल लगाई थी. वैभव शिंदे को उम्मीद थी अच्छी पैदावार होगी, उससे वह जो पैसा कमाएंगे उनसे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी. प्याज का उचित दाम न मिलने पर गुस्से में आकर वैभव ने बचे हुए प्याज को खेत में ही फेंक दिया.
'किसान भीख मांगने पर मजबूर'
प्याज किसानों की इस हालत पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने तंज कसते हुए कहा सरकार सिर्फ उद्योगपतियों की सुन रही है और उन्हीं की मदद कर रही है. राज्य के किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा है. किसान भीख मांगने पर मजबूर हो गए हैं. सरकार बदलने के बाद ही महाराष्ट्र के किसानों की हालत सुधरेगी.
विधानसभा से लेकर संसद तक उठा प्याज का मुद्दा
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र और महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्याज का मुद्दा खूब जोर शोर से उठाया गया था. वहीं सांसद सुप्रिया सुले ने भी प्याज को लेकर संसद में सरकार से सवाल किया था. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक संजय सिरसाट का कहना है कि एक दो जगह से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां प्याज की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान सहना पड़ा है.
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